[ad_1]
Last Updated:
पूर्व NSA शिवशंकर मेनन ने नेहरू और पणिक्कर की नीतियों की आलोचना को आसान बताया, क्योंकि वे अब खुद को बचाने के लिए नहीं हैं. उन्होंने कहा कि तिब्बत संकट के वक्त पणिक्कर के पास सीमित खुफिया साधन थे.
पंडित जवाहर लाल नेहरू.हाइलाइट्स
- नेहरू और पणिक्कर की नीतियों की आलोचना आसान है.
- पणिक्कर के पास तिब्बत संकट के वक्त सीमित खुफिया साधन थे.
- नेहरू और पणिक्कर पर दोष मढ़ना इतिहास को उल्टा पढ़ने जैसा है.
मेनन ने कहा, नेहरू को दोष देना आसान है. लोग ये नहीं पूछते कि बाकी क्या कर रहे थे. जब कोई जवाब देने को नहीं होता, तो उसे जिम्मेदार ठहरा देना सबसे सरल रास्ता होता है. मेनन ने कहा कि यही बात पणिक्कर और चीन नीति पर भी लागू होती है. बलि का बकरा बनाना संस्थागत तौर पर सुविधाजनक होता है. खासकर नौकरशाही के लिए. पणिक्कर को अप्रैल 1948 में चीन में राजदूत नियुक्त किया गया था. एक साल बाद चीन में कम्युनिस्ट सत्ता में आए. 1950 में जब चीन ने तिब्बत में सैन्य कार्रवाई की, तो उन पर आरोप लगा कि उन्होंने नेहरू को समय रहते जानकारी नहीं दी.
मेनन ने कहा कि हम अब जानते हैं कि तिब्बत और चीन नीति का क्या नतीजा हुआ, लेकिन उस वक्त भविष्य के बारे में कोई स्पष्टता नहीं थी. पणिक्कर के पास सीमित खुफिया साधन थे. दिल्ली में भ्रम की स्थिति थी. और वे प्रोफेशनल डिप्लोमैट भी नहीं थे, इसलिए सहज ही भरोसा कर लेते थे. उन्होंने कहा कि तिब्बत संकट के वक्त पणिक्कर चीनी अधिकारियों की बातों पर ही निर्भर थे. न तो उनके पास स्वतंत्र सत्यापन का स्रोत था, न ही स्पष्ट दिशा-निर्देश. यहां तक कि विदेश मंत्रालय से मिलने वाले निर्देश भी हर हफ्ते बदलते रहते थे.
बार-बार बदल रहे थे आदेश
मेनन ने यह भी जोड़ा, हमारे राजनयिकों को जो आदेश मिल रहे थे, वे भी बार-बार बदल रहे थे. ऐसे में कोई भी नीति स्पष्ट रूप से लागू नहीं हो सकती थी. पूर्व NSA ने निष्कर्ष दिया कि नेहरू और पणिक्कर पर आज दोष मढ़ना इतिहास को उल्टा पढ़ने जैसा है.उनका पक्ष अब कोई नहीं सुन सकता, इसलिए उन्हें दोष देना आसान हो गया है.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group…और पढ़ें
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group… और पढ़ें
[ad_2]
Source link


