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भारत में करोड़ों में बढ़ेगी मुसलमानों की आबादी, 25 साल बाद दुनियाभर में बोलबाला, क्‍या होगा हिन्‍दुओं का हाल – indian muslim islam population increase in millions future of world religions year 2050 pew research report

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Hindu-Muslim Population News: दुनियाभर में दर्जनों धर्म हैं, जिनके मानने वालों की तादद करोड़ों में हैं. ईसाई, मुस्लिम और हिन्‍दू धर्म को मानने वालों की संख्‍या सबसे ज्‍यादा है. पियू रिसर्च की एक रिपोर्ट में साल…और पढ़ें

पियू रिसर्च की रिपोर्ट में साल 2050 तक विभिन्‍न धर्मों को मानने वालों की आबादी पर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.

हाइलाइट्स

  • साल 2050 तक ईसाइयों जितनी होगी मुस्लिमों की आबादी
  • आने वाले 25 सालों में खूब बढ़ेगी मुसलमानों की जनसंख्‍या
  • पियू रिसर्च में दावा- हिन्‍दुओं का गढ़ बना रहेगा हिन्‍दुस्‍तान

नई दिल्‍ली. देश और दुनिया में अनेकों धर्म हैं, जिन्‍हें मानने वालों की तादाद करोड़ों में है. इन सबमें ईसाई, इस्‍लाम और हिन्‍दू धर्म के लोगों की संख्‍या सबसे ज्‍यादा है. यूरोप, अमेरिका, एशिया, अफ्रीका जैसे महादेशों में खासकर ईसाई और इस्‍लाम धर्म मानने वालों की संख्‍या काफी है. यूरोप और अमेरिका में क्रिश्चियन धर्म का बोलबाला है. एशिया और अफ्रीका के कुछ हिस्‍सों में इस्‍लाम को मानने वाले मेजोरिटी में हैं. वहीं, हिन्‍दू धर्म का केंद्र मुख्‍य तौर पर भारत है. पड़ोसी देश नेपाल में भी सनातन धर्म को मानने वाले हैं. इसके अलावा अन्‍य देशों में हिन्‍दुओं की आबादी छिटपुट ही है. साल दर साल कुछ एक को छोड़कर हर धर्म के मानने वालों की संख्‍या में वृद्धि दर्ज की गई है. एक रिपोर्ट की मानें तो इस्‍लाम मानने वालों की आबादी पूरी दुनिया में काफी तेजी से बढ़ रही है. आने वाले 25 सालों में धार्मिक आबादी की तस्‍वीर काफी हद तक बदल सकती है.

पियू रिसर्च सेंटर की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर का रिलीजियस प्रोफाइल लगातार बदल रहा है. साल 2015 में जारी इस रिपोर्ट में ट्रेंड को देखते हुए साल 2050 तक का अनुमान जताया गया है. दुनिया के प्रमुख धर्मों में फर्टिलिटी रेट और युवाओं की तादाद से धर्म आधारित जनसंख्‍या पर असर पड़ रहा है. इसके अलावा लोग लगातार अपना धर्म भी बदल रहे हैं, जिसका असर संबंधित धर्मों की आबादी पर पड़ रहा है. रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले कुछ दशकों में क्रिश्चियन धर्म को मानने वालों की आबादी सबसे ज्‍यादा बनी रहेगी, लेकिन मुस्‍ल‍िमों की आबादी इस दौरान सबसे ज्‍यादा तेज रफ्तार से बढ़ेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, यदि यही ट्रेंड बना रहा तो साल 2050 तक इस्‍लाम को मानने वालों की आबादी ईसाइयों के बराबर हो जाएगी. इस तरह से मुस्लिमों का दुनियाभर में बोलबाला होगा.

25 साल में ईसाई-मुस्लिम बराबर
पियू रिसर्च की रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्‍य बताए गए हैं. इसके मुताबिक, आने वाले 25 सालों में (यानी साल 2050) ईसाई और इस्‍लाम धर्म मानने वालों की आबादी तकरीबन बराबर हो जाएगी. मतलब दुनिया में जितने लोग क्रिश्चियन धर्म को मानने वाले होंगे, उतनी ही आबादी मुसलमानों की भी होगी. यूरोप में आने वाले ढाई दशक में मुस्लिमों की संख्‍या कुल आबादी का 10 फीसद तक हो जाएगा. इस तरह से यूरोप में इस्‍लाम धर्म का प्रभाव काफी बढ़ेगा. अमेरिका और फ्रांस में वैसे लोगों की आबादी बढ़ेगी, जिनका किसी भी धर्म से कोई संबंध नहीं होगा. अमेरिका में साल 2050 तक ईसाइयों की आबादी में गिरावट आएगी और नॉन-क्रिश्चियन कैटेगरी में यहूदी दूसरे नंबर पर नहीं होगा. इस्‍लाम मानने वालों की संख्‍या बढ़ने की संभावना जताई गई है.

भारत में बढ़ेंगे मुस्लिमों की आबादी
पियू रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2050 तक मुस्लिमों की आबादी काफी बढ़ेगी. भारत में इस्‍लाम मानने वालों की आबादी दुनिया में सबसे ज्‍यादा होगी. भारत इस मामले में इंडोनेशिया को पीछे छोड़ देगा. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत हिन्‍दू धर्म मानने वालों का गढ़ बना रहेगा और आने वाले 25 साल में हिन्‍दुओं की आबादी बढ़ेगी. साथ ही यह भी बताया गया कि दुनियाभर में बौद्ध धर्म को मानने वालों की संख्‍या जस की तस बनी रहने की संभावना है.

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भारत में करोड़ों में बढ़ेगी मुसलमानों की आबादी, पर क्‍या होगा हिन्‍दुओं का हाल


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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