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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: दलबदलुओं की जीत-हार का विश्लेषण

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Delhi Politics News: दिल्ली चुनाव 2025 में 21 नेताओं ने चुनाव से ठीक पहले पाला बदलकर आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. लेकिन, आठ को छोड़कर बांकी बचे सभी नेताओं को अब पार्टी छोड़ने का …और पढ़ें

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दिल्ली चुनाव में सबसे ज्यादा किस पार्टी के दलबदलू जीते हैं?

हाइलाइट्स

  • दिल्ली चुनाव में 21 में से 8 दलबदलू नेता जीते.
  • बीजेपी ने 27 साल बाद दिल्ली में सरकार बनाई.
  • अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से हारे.

नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बर कई नेता दल बदलकर सदन पहुंचे हैं. वहीं, कई नेताओं को दल बदलने के बाद भी हार मिली है. आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस तीनों ने इस बार दलबदलुओं को थोक भाव में टिकट दिया था. लेकिन, कई दलबलुओं की हार हुई तो कई दलबदलुओं ने झंडा गाड़ दिया. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले नीरज बैसोया, तरविंदर सिंह मारवाह और अरविंदर सिंह लवली की जहां जीत हुई. वहीं, कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले जुबैर अहमद भी जीत गए. लेकिन, सबसे बड़ी जीत अरविंद केजरीवाल के खास सहयोगी और आम आदमी पार्टी से बीजेपी में शामिल हुए कैलाश गहलोत की हुई. दिल्ली विधानसभा में इस बार जहां अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज और सोमनाथ भारती जैसे दिग्गज नजर नहीं आएंगे. वहीं, अरविंद केजरीवाल के पुराने सहयोगी कपिल मिश्रा की विधानसभा में वापसी हुई है.

बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है. लेकिन, इस चुनाव में 21 दलबदलुओं में मात्र आठ की जीत हुई है. 13 दलबदलुओं की हार हुई है. इस चुनाव की खास बात यह रही कि पूर्व सीएम शीला दीक्षित के 15 साल के शासनकाल को जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने खत्म किया था. ठीक उसी अंदाज में अरविंद केजरीवाल के साढ़े 10-11 साल के शासनकाल को प्रवेश वर्मा पीएम मोदी और अमित शाह और दिल्ली बीजेपी नेताओं की रणनीति ने उखाड़ फेंका. बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से मात देकर आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया.

पाला बदलने से किसे फायदा, किसे नुकसान
बीजेपी के कई नेता इस चुनाव में पाला बदले थे,  लेकिन उनकी हार हुई. जैसे शाहदरा विधानसभा सीट पर बीजेपी के पूर्व एमएलए जीतेंद्र सिंह शंटी ने पाला बदलकर आप में शामिल हुए. लेकिन, बीजेपी के संजय गोयल ने उन्हें 5178 वोटों के अंतर से हरा कर उनके पाला बदलने के फैसले को गलत साबित कर दिया. शंटी की तरह और भी कई नेताओं को दिल्ली में केजरीवाल लहर लगा, लेकिन वह जब पार्टी छोड़कर आप में शामिल हुए तो उनकी वहां हार हुई.

कौन-कौन बड़े चेहरे हार गए?
अरविंद केजरीवाल नई दिल्‍ली विधानसभा सीट से चुनाव हार गए. जंगपुरा से मनीष सिसोदिया को भी पराजय का सामना करना पड़ा. ग्रेटर कैलाश से सौऱभ भारध्वाज हार गए, मालवीय नगर से सोमनाथ भारती का विजयी रथ रुक गया. लेकिन, पाला बदलने वाले कई नेताओं की किस्मत खुल गई. अरविंदर सिंह लवली, राजकुमार चौहान, नीरज बसोया, कैलाश गहलोत, करतार सिंह तंवर जैसे नेताओं की जीत हुई.

21 नेताओं में से कितने जीते?
दिल्‍ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी को 48 सीटों पर जीत मिली है. वहीं, आम आदमी पार्टी को 22 सीटों पर संतोष करना पड़ा. इस चुनाव में भी कांग्रेस का खाता नहीं खुला. हालांकि, दलबदलू बीजेपी के साथ-साथ आम आदमी पार्टी में भी जीते हैं. आम आदमी पार्टी को भी इसका लाभ मिला है. अनिल झा ने चुनाव से पहले भाजपा का साथ छोड़ा था और AAP में शामिल हुए थे. वह किरारी से चुनाव जीते हैं. 21 नेताओं में से 8 ही जीत पाए.

परवेश रत्‍न भी चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का दामन छोड़कर AAP में शामिल हुए थे. उन्‍हें पटेल नगर से टिकल मिला और वह विजयी रहे. इसके अलावा कांग्रेस से आप में शामिल हुए वीर सिंह धींगन को भी चुनाव में जीत मिली है. साथ ही कांग्रेस से AAP में शामिल हुए चौधरी जुबैर अहमद को भी जीत मिली है. जुबैर अहमद सीलमपुर से 42,477 मतों से विजयी रहे हैं. दल बदलने वाले कई नेताओं को निराशा हाथ लगी है. लक्ष्मी नगर से विधानसभा सीट पर बीजेपी से आप में शामलि हुए बीबी त्यागी चुनाव हार गए. जितेंद्र सिंह शंटी भी शहादरा सीट हार गए. तिमारपुर सीट पर बीजेपी से आप में आए सुरेद्र पाल सिंह भी चुनाव हार गए

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