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कभी सपना था, आज हकीकत… चार साल की मेहनत के बाद मिली बड़ी कामयाबी! बेटियों के लिए बनीं मिसाल

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Success Story: खंडवा जिले के छोटे से गांव मूंदी की शिवानी ने कड़ी मेहनत और अनुशासन के बल पर भारतीय सेना में जगह बनाई है. गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली शिवानी को जय हिंद डिफेंस ग्रुप में निशुल्क ट्रेनिं…और पढ़ें

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शिवानी

शिवानी का स्वागत करते उनके कॉलेज का प्रोफेसर 

हाइलाइट्स

  • शिवानी ने 4 साल की मेहनत से आर्मी में चयन पाया.
  • शिवानी ने निशुल्क प्रशिक्षण से सफलता हासिल की.
  • शिवानी की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है.

खंडवा. खंडवा जिले के छोटे से गांव मूंदी की रहने वाली शिवानी ने भारतीय सेना में चयनित होकर क्षेत्र और परिवार का मान बढ़ाया है. गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली शिवानी ने चार साल की कड़ी मेहनत के बाद महिला आर्मी में जवान की रैंक हासिल की है. उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे निमाड़ क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है.

निशुल्क प्रशिक्षण से मिली सफलता
शिवानी ने सेना की तैयारी गुरुगोविंद सिंह स्टेडियम से की थी. वह जय हिंद डिफेंस ग्रुप की सदस्य थीं, जहां उन्हें अनिल पाटिल सर द्वारा निशुल्क ट्रेनिंग दी गई. शिवानी ने बताया कि उनका रूटीन काफी अनुशासित था. वह सुबह 5:30 बजे उठकर वर्कआउट करती थीं, फिर पढ़ाई करतीं और शाम को दो घंटे का वर्कआउट दोबारा करती थीं. चार साल तक लगातार इसी मेहनत के साथ उन्होंने ट्रेनिंग जारी रखी. जय हिंद डिफेंस ग्रुप के संचालक अनिल पाटिल सर नियमों के बहुत सख्त हैं.

चाहे लड़का हो या लड़की, सबकी ट्रेनिंग एक जैसी होती है. अगर कोई ट्रेनी समय से एक मिनट भी लेट होता तो उसे उस दिन ट्रेनिंग करने नहीं दी जाती थी. इसी अनुशासन और मेहनत के बल पर शिवानी का चयन भारतीय सेना में हुआ है.

एनसीसी कैडेट रही हैं शिवानी
शिवानी ने श्री नीलकंठेश्वर महाविद्यालय से बीए की डिग्री प्राप्त की है. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों और परिवार को दिया है. शिवानी ने बताया कि उनके शिक्षकों ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया. वह एनसीसी की कैडेट भी रही हैं, जिसने उनके अंदर सेना में जाने का जज्बा जगाया. उन्होंने अपने डाबर सर और सैन सर का विशेष रूप से जिक्र किया, जिन्होंने उन्हें प्रेरित किया और सही मार्गदर्शन दिया.

युवाओं के लिए प्रेरणा बनीं शिवानी
शिवानी की सफलता यह साबित करती है कि अगर जज्बा हो तो किसी भी कठिन परिस्थिति को पार कर सफलता पाई जा सकती है. उनकी उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि उनके गांव और पूरे निमाड़ क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणादायक है. वह उदाहरण हैं कि सीमित संसाधनों के बावजूद मेहनत और लगन से सपने सच किए जा सकते हैं.

गांव और क्षेत्र का बढ़ाया मान
शिवानी का सेना में चयन न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह क्षेत्र की अन्य बेटियों को भी प्रेरित करेगा. अब वह भारतीय सेना में अपनी सेवाएं देकर देश की सेवा करेंगी. उनकी इस उपलब्धि से उनके गांव मूंदी का नाम रोशन हुआ है. शिवानी की कहानी यह संदेश देती है कि सही मार्गदर्शन और कड़ी मेहनत से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है.

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