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भोपाल से डॉक्टरों को न्यायालय में पेशी या गवाही के लिए व्यक्तिगत रूप से कोर्ट नहीं जाना पड़ेगा। जेपी अस्पताल मध्यप्रदेश का पहला जिला अस्पताल बनने जा रहा है जहां वर्चुअल पेशी की सुविधा शुरू की जा रही है। इस व्यवस्था के तहत डॉक्टर अब अस्पताल परिसर से ह
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इस पहल को हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा लागू किया जा रहा है। जेपी अस्पताल में अधीक्षक कक्ष के बगल में डिजिटल कॉन्फ्रेंस हॉल तैयार किया जा रहा है, जो लगभग अंतिम चरण में है। संभावना है कि अगले एक सप्ताह में यह सुविधा औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगी।
डॉक्टरों को मिलेगी राहत इस नई व्यवस्था से डॉक्टरों को अब कोर्ट में पेशी के लिए अस्पताल छोड़कर दूरदराज की अदालतों में नहीं जाना पड़ेगा। इससे उनकी ओपीडी और इमरजेंसी सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा, और मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा। साथ ही, डॉक्टरों की न्यायिक मामलों में समय पर उपस्थिति भी सुनिश्चित की जा सकेगी, जिससे कोर्ट की कार्यवाही भी बाधित नहीं होगी।
सभी जिलों में लागू होगी यह व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी है कि कहां-कहां डिजिटल पेशी हॉल बन चुके हैं और कहां कार्य अभी लंबित है। आने वाले समय में प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में यह सुविधा अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाएगी।
जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि यह तकनीकी नवाचार न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित होने से बचाएगा, बल्कि न्यायिक प्रणाली की दक्षता और चिकित्सा सेवा की उपलब्धता, दोनों में संतुलन स्थापित करेगा। इससे डॉक्टरों का कीमती समय भी बचेगा और मरीजों को भी बार-बार तारीख के दिन इलाज से वंचित नहीं रहना पड़ेगा।
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