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कभी होटल में बर्तन धोता था ये शख्‍स, आज है 17 रेस्‍टोरेंट का मालिक, हर महीने होती है 18 करोड़ आमदनी

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Success Story- भास्कर केआर ने कर्नाटक में पूरणपोली घर ब्रांड की नींव रखी. कभी होटल में बर्तन धोने वाले भास्कर आज 17 रेस्टोरेंट के मालिक हैं और हर महीने 18 करोड़ रुपये का बिजनेस करते हैं.

भास्‍कर केआर ने 12 साल की उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था.

हाइलाइट्स

  • भास्कर केआर ने पूरणपोली घर ब्रांड की नींव रखी.
  • कभी होटल में बर्तन धोते थे, अब 17 रेस्टोरेंट के मालिक हैं.
  • हर महीने 18 करोड़ रुपये का बिजनेस करते हैं.

नई दिल्‍ली. जिंदगी में जो संघर्ष की राह अपनाता है, उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. हार न मानने की जिद जो इंसान पकड़ लेता है, वो बड़ी से बड़ी बाधा को पार कर अपनी मंजिल हासिल कर ही लेता है. इसी धारणा को साबित किया है कर्नाटक में जन्‍में और पूरणपोली घर (Puranpoli Ghar) ब्रांड की नींव रखने वाले भास्कर केआर. आज 17 रेस्‍टोरेंट के मालिक भास्‍कर केआर कभी होटल में बर्तन धोते थे और ग्राहकों को खाना सर्व करते थे. लेकिन, उन्‍होंने न किसी काम को छोटा समझा और न ही कुछ बड़ा करने के अपने इरादा को त्‍यागा. नतीजा सबके सामने है. आज वो हर महीने 18 करोड़ रुपये का बिजनेस करते हैं.

साल 1976 में कर्नाटक के एक गांव में जन्‍में भास्कर केआर की जिंदगी में मुश्किलें बचपन से शुरू हो गईं. महज 4 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता को खो दिया. घर की आर्थिक हालत बहुत खराब थी. मां खेतों में मजदूरी करती थीं और बड़ी मुश्किल से घर चलता था. भास्‍कर केआर पढ़ाई में तेज थे, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते उन्‍हें 10 साल की उम्र में ही स्कूल छोड़ना पड़ा.

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बेंगलुरु के होटल में धोए बर्तन
12 साल की उम्र में वे बेंगलुरु चले गए और एक होटल में नौकरी करने लगे. वहां उन्‍हें टेबल और बर्तन साफ करने का काम मिला. कुछ समय बाद उन्‍हें ग्राहकों को खाना परोसने के काम पर लगा दिया गया. वे कड़ी मेहनत करते थे क्‍योंकि कम उम्र में उनके कंधों पर वे जिम्मेदारियां आ गई थीं, जो बड़े भी संभालते हैं. उन्‍हीं की इस नौकरी से ही उनका घर चल रहा था.

बेंगुलरु में रहकर भास्‍कर केआर ने कई छोटे-मोटे काम किए. उन्‍होंने  पान की दुकान खोली. लेकिन यह ज्‍यादा नहीं चली और इसे बंद करना पड़ा. बाद में वे डांस सिखाने लगे. बड़ी लगन से वो ये काम करते थे,पर ज्‍यादा पैसा नहीं बन पाता. नतीजन उन्‍होंने यह काम भी छोड़ दिया.

भास्कर की कंपनी हर दिन 1000 से अधिक पुरणपोली बेचती है.

साइकिल पर बेची पूरणपोली
23 साल की उम्र में उन्होंने एक साहसी फैसला लिया. उन्होंने अपनी मां की पारंपरिक पुरणपोली रेसिपी को अपनी जिंदगी का रास्ता बना लिया. बिना किसी बड़े निवेश के, सिर्फ एक साइकिल और एक डिब्बे में घर की बनी पूरणपोली लेकर गलियों में निकल पड़े. लोगों को उनकी पूरणपोली खूब पसंद आई और उनका काम चल पड़ा. भास्‍कर की पूरणपोली पर एक कुकिंग शो चलाने वाले निर्माताओं की नजर पड़ी और उन्‍हें शो में जगह दे दी. इसी शो ने उन्‍हें पहचान दिलाई.

इसके बाद उन्‍होंने ‘पूरणपोली घर’ ब्रांड शुरू किया. देखते ही देखते भास्‍कर केआर का बिजनेस ऊंचाइयों पर पहुंच गया. उनके आउटलेट्स कर्नाटक और महाराष्ट्र में फैले हैं. हर 8 महीने में भास्कर अपना नया आउटलेट खोल लेते हैं. सिर्फ कर्नाटक में उनकी 17 दुकानें और 10 से ज्यादा फ्रेंचाइजी हैं. इन दुकानों से उनके हर महीने की सेल 18 करोड़ के करीब है. अब उनके दो और पार्टनर जुड़ गए हैं, जो महाराष्ट्र में उनके कारोबार को बढ़ा रहे हैं. भास्कर की कंपनी हर दिन 1000 से अधिक पूरणपोली बेचती है. पूरणपोली के अलावा उनके आउटलेट्स में 400 से ज्यादा स्नैक्स बिकते हैं.

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कभी होटल में बर्तन धोता था ये शख्‍स, आज है 17 रेस्‍टोरेंट का मालिक


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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