मध्यप्रदेश

Farmers do not support government procurement | सरकारी खरीदी को किसानों का समर्थन नहीं: 25 अक्टूबर से होगी सोयाबीन खरीदी, 20 से स्लॉट बुक करा सकेंगे किसान – Dhar News


बे-मौसम हुई बारिश के बाद अब किसान अपनी उपज काटने की तैयारियां शुरू कर चुके हैं। इस साल समर्थन मूल्‍य पर खरीदी की जाएगी। हालांकि, समर्थन मूल्य के लिए जिले में खोले गए 58 केंद्रों को भी किसानों का समर्थन नहीं मिल रहा है।

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जिले में लगभग 3 लाख किसान है और मात्र 3 हजार किसानों के पंजीयन हुए है, जबकि महज कुछ ही दिन शेष बचे हुए हैं। कुछ केंद्र तो ऐसे हैं, जहां पर एक से अधिक किसान पंजीयन के लिए नहीं आया है।

किसानों का कहना है कि अतिवृष्टि ने पहले सोयाबीन खराब किया, उत्पादन बीघा के एक से डेढ़ दो क्विंटल तक रह गया। अब भाव में भी घाटा उठाकर मंडी में बेचना पड़ रहा है। इस कारण समर्थन मूल्य पंजीयन पर भी किसी की अधिक रुचि नहीं है।

जिले में समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी के लिए 58 केंद्रों पर पंजीयन किए जा रहे हैं। जिले में इस बार 5 लाख 14 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन हुई। अब तक सिर्फ 3181 किसानों ने पंजीयन कराया है, जिनका करीब 8 हजार 66 हेक्टेयर रकबा है। जो कि सिर्फ 1 प्रतिशत है। वहीं गेहूं बेचने के लिए 25 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया था। जबकि इसके मुकाबले सोयाबीन का रकबा और किसानों की संख्या काफी कम थी।

20 तक होंगे पंजीयन समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी के लिए जिले में पंजीयन के लिए 58 केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर 25 सितंबर से लेकर 20 अक्टूबर के बीच पंजीयन होना है। शासन 25 अक्टूबर तक पंजीयन की तारीख बढ़ा सकती है।

शुरू होगी सरकारी खरीदी सोयाबीन की सरकारी खरीदी इसी महीने 25 अक्टूबर से शुरू होने वाली है। वहीं सहायक संचालक संगीता तोमर ने बताया कि इसके पूर्व किसानों को पंजीयन करना अनिवार्य है। अधिकारियों का कहना है कि अभी किसान फसल कटाई में व्यस्त हैं, लेकिन सभी किसान पंजीयन जरूर करा लें। क्योंकि बगैर पंजीयन के उपज नहीं बेच पाएंगे। जिले में किसानों के पंजीयन के लिए 58 केंद्र बनाए गए हैं। इसके अलावा किसान एप से भी सीधे पंजीयन किया जा सकता है। डीडीए ज्ञान सिंह मोहनिया ने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए केंद्रों पर पंजीयन हो रहा है।

सरकार पर भरोसा नहीं समर्थन मूल्य की खरीदी के बारे में कांग्रेस के नेता व ब्लाक अध्यक्ष कपिल यादव का कहना है कि किसानों को भाजपा सरकार पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। सरकार ने किसानों को गेंहू खरीदी में धोखा दिया। 3 से 7 दिन में भुगतान होना था, लेकिन महीनों लग गए। किसानों को डर है कि सरकार ने इस बार भी ऐसे ही लटका दिया तो किसान खाद-बीज की व्यवस्था, बोवनी और दीपावली का त्योहार कैसे मनाएंगे।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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