Home अजब गजब सुल्तानपुर की शांति देवी ने बच्चों के खिलौनों से बदली अपनी जिंदगी.

सुल्तानपुर की शांति देवी ने बच्चों के खिलौनों से बदली अपनी जिंदगी.

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Success Story: सुल्तानपुर की शांति देवी ने बच्चों के खिलौने बनाकर अपनी जिंदगी बदली. 8वीं पास शांति ने 8 साल से खिलौने बनाना शुरू किया और आज तगड़ी कमाई कर रही हैं. लक्ष्मी समूह और एनआरएलएम का सहयोग मिला.

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शांति

शांति देवी.

हाइलाइट्स

  • शांति देवी ने खिलौने बनाकर तगड़ी कमाई की.
  • 8वीं पास शांति देवी ने 8 साल पहले खिलौने बनाना शुरू किया.
  • लक्ष्मी समूह और एनआरएलएम का सहयोग मिला.

सुल्तानपुर: आपको सुनकर अजीब लग रहा होगा ना कि भला बच्चों के खिलौने से कैसे किसी महिला की जिंदगी में परिवर्तन आ सकता है. जी हां आज हम आपको बताने वाले हैं सुल्तानपुर में एक ऐसी महिला के सफलता की कहानी के बारे में, जो बच्चों के खिलौने से अपने जीवन में भारी परिवर्तन लाई और आज बच्चों के खिलौने को ही अपनी कमाई का जरिया बना लिया है. दरअसल यह महिला पहले आमदनी के किसी भी स्रोत से बहुत दूर थी, लेकिन सरकार के सहयोग और महिला समूह से जुड़कर बच्चों का खिलौना बनाना शुरू किया और आज वे तगड़ी कमाई कर रही हैं. तो आइए जानते हैं क्या है उनकी सफलता का राज.

कब से  बना रही खिलौना 
सुल्तानपुर की शांति देवी ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि वह पिछले 8 वर्षों से खिलौना बनाने का काम कर रही हैं. उन्होंने यह कला अपने परिवार के लोगों से सीखी और उसमें दिन प्रतिदिन नए-नए रचनात्मक कलाओं को भी शामिल किया, जिससे खिलौना और आकर्षक होता गया और ग्राहकों को भी खूब भाने लगा. शांति देवी के इस काम में उनके परिवार के अन्य लोग भी हाथ बटाते हैं.

इन उत्पादों का करती हैं निर्माण 
शांति देवी ने बताया कि वह खिलौने के रूप में प्रयोग किए जाने वाले टैडी बियर, गुड्डा, गुडिया, बंदर, गणेश, मिकी माउस आदि आधुनिक खिलौना भी बनाने का काम कर रही हैं . उनके इस काम में उनको अच्छा मुनाफा भी हो रहा है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा बनाये गए खिलौने सुल्तानपुर जिले के साथ-साथ आसपास के जिले में भी बिक्री के लिए सप्लाई होते हैं. सबसे खास बात यह है कि वह इन खिलौनों को सूती धागे से बनाती हैं. उनके इस व्यापार में शांति देवी को हजारों रुपए की कमाई हो रही है.

यहां तक की है पढ़ाई 
भदैंया ब्लॉक के पन्ना टिकरी गांव की रहने वाली शांति देवी ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि वह कक्षा 8वीं तक पढ़ी हैं और लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह के साथ जुड़कर खिलौना बनाने का काम कर रही हैं. खिलौना बनाने की कला में निपुणता हासिल करने के बाद शांति उसे बाजार में अच्छे दामों में बेच रही हैं जिसमें एनआरएलएम कार्यालय द्वारा उनका काफी सहयोग भी किया जा रहा है. इसके लिए उन्होंने उपायुक्त एनआरएलएम केडी गोस्वामी और शाखा प्रबंधक नीरज श्रीवास्तव को आभार भी व्यक्त किया है.

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आठवीं पास इस महिला की खिलौनों ने बदल दी किस्मत, कर रही ताबड़तोड़ कमाई

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