Mauganj SP Rasna Thakur Removed: Dilip Soni Appointed, Evidence of Police Attack Found | मऊगंज एसपी रसना ठाकुर को सरकार ने हटाया: दिलीप सोनी को जिले की कमान; मीडियाकर्मी के मोबाइल में पुलिस पर हमले के वीडियो-चैटिंग के सबूत – Satna News

मऊगंज पुलिस पर हमले के चार दिन बाद सरकार ने मंगलवार देर रात जिले की एसपी रसना ठाकुर को हटा दिया गया है। उनकी जगह दिलीप कुमार सोनी को मऊगंज का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया है।
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इधर, चार दिन बाद हमले का नया वीडियो सामने आया है। इसमें टीआई संदीप भारती महिलाओं के सामने हाथ जोड़कर बंधक को छोड़ने के लिए कहते दिख रहे हैं। महिलाएं नहीं छोड़ने पर अड़ी रहीं।
पुलिस का दावा है कि गड़रा में हमले के सबूत मीडियाकर्मी मोहम्मद रफीक के मोबाइल में मिले हैं। उसके खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।
आरोप है कि उसने टीआई पर अपने भाई के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज नहीं करने के लिए दबाव बनाया था। रफीक के खिलाफ हत्या का केस भी दर्ज है। पुलिस ने उसका मोबाइल भी जब्त किया है। इसमें कुछ वीडियो और मैसेज भी मिले हैं।
मऊगंज एसपी के मुताबिक मंगलवार तक इस मामले में 29 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। चौथे दिन भी यहां करीब 250 पुलिसकर्मी तैनात हैं।
पुलिस ने अब तक 4- लोगों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के बाद इतनी ही गिरफ्तारी और हो सकती हैं।
हमले में हुई थी एएसआई की मौत 15 मार्च को शाहपुर थाना क्षेत्र के गड़रा गांव में आदिवासी परिवार ने गांव के सनी द्विवेदी की बंधक बनाकर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। उसे छुड़ाने पहुंची पुलिस टीम पर भी पत्थर, लाठी- डंडों से हमला कर दिया था। इसमें एसएएफ के एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई थी। वहीं, 13 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
दैनिक भास्कर ने मीडियाकर्मी के बारे में जानकारी निकाली। टीआई से भी फोन पर बात की।
पहले बात सामने आए वीडियो की वीडियो उस वक्त का है, जब आदिवासियों ने सनी द्विवेदी को कमरे में बंधक बना लिया था। तब तक पुलिस को सिर्फ इतना पता था कि किसी युवक को अंदर बंद कर लिया है। वे उसे छुड़ाने पहुंचे थे। टीआई संदीप भारती और एसआई आरती गांव वालों को समझाते दिख रहे हैं। पढ़िए, उनके बीच क्या बातचीत हुई…

टीआई संदीप भारती गांव वालों को समझाने पहुंचे थे।
महिलाएं: घर के अंदर छेड़छाड़ कर रहा था, इसलिए मारपीट की। अब बंद कर दिया है।
एसआई आरती: जब पकड़ा था, तो मारपीट कर दी। अंदर बंद करने की क्या जरूरत थी।
महिलाएं: जो भीतर घुसेगा, तो उसे कैसे छोड़ देंगे। अच्छा बताती हैं आप।
टीआई : माताजी आपने अपराधी को दंड दिया, आपने ठीक किया? हम लोग आए हैं। वो बंदूक लेकर आया, बंदूक दिखाया। हम लोग अपराध दर्ज करेंगे, FIR करेंगे, बंदूक जब्त करेंगे.. यहीं से उसे अरेस्ट कर ले जाएंगे। आपको हाथ जोड़कर समझा रहे हैं।
महिलाएं- आप लोग इसे रुपए लेकर छोड़ देंगे। वह बरी हो जाएगा।

हमलावरों ने सनी के पिता की बाइक भी तोड़ दी थी।
अब बात मीडियाकर्मी की
भाई के खिलाफ केस कमजोर करने का दबाव टीआई संदीप भारती ने बताया कि 27 फरवरी को रफीक के खिलाफ ठुररिहा पंचायत के रोजगार सहायक भाई रहीस के खिलाफ महिला ने दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। इसके बाद रहीस को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

रफीक ने दबाव बनाया था कि दुष्कर्म के बजाय छेड़छाड़ का केस दर्ज किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आशंका है कि वह इसी बात से नाराज था।
दावा- पुलिस पर हमले की फिराक में था रफीक थाना प्रभारी के मुताबिक ‘पहले खबर मिल गई थी कि रफीक पुलिस को नुकसान पहुंचाने की फिराक में है। इस कारण थाने के बल को अलर्ट भी कर दिया था। पहाड़ी गांव की तरफ बाइक से जाने पर मना किया गया था। रफीक को मौका नहीं मिल रहा था।
उसने गड़रा में अशोक कोल के बेटे विनोद कोल को मोहरा बनाया। पिता अशोक की हत्या की बात उसके दिमाग में भरी। सनी को बंधक बनाकर पुलिस पर हमले की साजिश रची। शायद इसलिए इसे अंजाम देने 15 मार्च की तारीख तय की गई। रफीक को पता था, उस दिन पुलिस की होली होगी। इसका फायदा मिल जाएगा।

हिंसा के बाद टीआई संदीप भारती पूरी तरह से खून से लथपथ नजर आए थे।
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया था रफीक का नाम टीआई ने बताया कि देर रात संदेह के आधार पर रफीक को पूछताछ के लिए उठाया। आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में रफीक का नाम बताया था। आरोपियों के मुताबिक, पहाड़ी गांव का रहने वाला पत्रकार मो. रफीक घटना के समय वहां मौजूद था। वह इस बात की जानकारी दे रहा था कि आज पुलिस की होली है। अच्छा मौका है।
घर में बंधक बने सनी को कुछ लोग मार रहे थे। रफीक लाइव वीडियो बना रहा था। सनी बोल रहा था कि वह छूटकर जाएगा, तो पीटने वालों को बताएगा। इस पर आरोपियों ने कहा- जब यहां से छूट कर जाओगे, तब बताओगे न। आरोपियों ने पुलिस को कबूलनामे में बताया कि पहले से ही उसकी हत्या की साजिश रच चुके थे।

पुलिस ने मो. रफीक को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
वारदात वाले दिन हो गई थी पुलिस को शंका टीआई ने बताया, ‘टावर लोकेशन से पता चला कि सनी द्विवेदी को बंधक बनाए जाने के पहले ही रफीक गांव में मौजूद था। बताया गया कि जिस एएसआई अजय पांडेय ने रफीक के भाई रहीस को गिरफ्तार करने में अहम भूमिका निभाई थी, उनका नाम लेकर आदिवासी महिलाएं गालियां दे रही थीं। इसी दौरान रफीक पर नजर पड़ी। एएसआई पांडेय ने उसके बारे में बताया।

रफीक को इशारा कर बुलाया। पूछा कि यहां कैसे आए। बताया कि काम से आया था। मैंने कहा कि सब समझ रहा हूं, तुम यहां लोगों को भड़काने आए हो? यह सुनकर 10 मिनट बाद वह बाइक से चला गया।
वेब पोर्टल संचालक बोला- फर्जी आई कार्ड बनाया मोहम्मद रफीक जिस चैनल और वेब पोर्टल पर काम करता था उसके संचालक राजकुमार पांडेय ने बताया कि रफीक 2022 में जुड़ा था। जिसे बाकायदा संस्थान का आइडेंटिटी कार्ड भी जारी किया था।
पिछले तीन साल से मैं खुद वेब और यूट्यूब पत्रकारिता में सक्रिय नहीं हूं। इसके बाद भी बिना जानकारी के रफीक ने कूटरचित तरीके से संस्थान का 2025 की मान्यता वाला आइडेंटिटी कार्ड खुद ही एडिटिंग के जरिए तैयार कर लिया।
आईजी बोले- हमले के दोषियों को छोड़ेंगे नहीं रीवा आईजी साकेत पांडेय ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उसकी भूमिका पर लगातार पूछताछ जारी है। कोई निर्दोष ना फंसे, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है।
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