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30 हजार से 70 लाख तक का सक्सेस सफर! ये महिलाएं बैग सिलकर लखपति बन गईं…ये है ताराबाई की कहानी

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Success Story: ताराबाई ने 30 हजार रुपये से बैग निर्माण का व्यवसाय शुरू किया और संघर्षों के बावजूद 70 लाख के टर्नओवर तक पहुंचीं. उन्होंने 10 महिलाओं को रोजगार दिया और अपने दृढ़ संकल्प से महिला सशक्तिकरण की मिसाल…और पढ़ें

30 हजार से 70 लाख तक का सक्सेस सफर! ये महिलाएं बैग सिलकर लखपति बन गईं...

सक्सेस स्टोरी

आज के समाज में महिलाओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. खासकर व्यवसाय में सफल होने के लिए धैर्य और साहस की जरूरत होती है. व्यवसाय शुरू करने से पहले पर्याप्त पूंजी जुटाना एक बड़ी चुनौती होती है. लोकल 18 आपके लिए एक ऐसी महिला की प्रेरणादायक कहानी लेकर आया है, जिन्होंने न केवल खुद को व्यवसाय में स्थापित किया, बल्कि 10 अन्य महिलाओं को भी रोजगार प्रदान किया.

परिवार और समाज की बाधाएं
किसी भी नौकरी या व्यवसाय को शुरू करने वालों की तुलना में आलोचना करने वाले अधिक होते हैं. मध्यमवर्गीय परिवार से होने के बावजूद ताराबाई ने अपने सपनों को नहीं छोड़ा और हर कठिनाई का सामना करते हुए अपना लक्ष्य हासिल किया. पेड्डापल्ली जिले के सुभाष नगर की रहने वाली ताराबाई ने एमएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद शादी कर ली. शादी के बाद उन्होंने निजी कंपनियों में अध्यापिका और अकाउंटेंट के रूप में काम किया, लेकिन वेतन उनकी शिक्षा के अनुरूप संतोषजनक नहीं था.

व्यवसाय शुरू करने का कठिन फैसला
कम वेतन के कारण ताराबाई ने खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया, लेकिन पूंजी की कमी उनके सामने बड़ी समस्या थी. कई विचारों और चुनौतियों के बाद उन्होंने 30 हजार रुपये उधार लिए, एक सेकेंड हैंड मशीन खरीदी और घर से ही बैग सिलने का काम शुरू किया. उन्होंने डोर-टू-डोर मार्केटिंग की और धीरे-धीरे उनका व्यवसाय बढ़ने लगा.

सफलता की ओर बढ़ते कदम
ताराबाई के व्यवसाय ‘महालक्ष्मी एंटरप्राइजेज’ को पीएमईजीपी योजना से ऋण मिला, जिससे उन्हें अपने कारोबार को आगे बढ़ाने में मदद मिली. इस सहयोग से उन्होंने मशीनों का पूरा सेट खरीदा और 10 महिलाओं को रोजगार दिया. शुरुआत में प्रतिदिन 5,000 बैग बनाने वाली उनकी कंपनी अब 15,000 बैग का निर्माण और विपणन कर रही है. यहां बने बैग किसानों, शॉपिंग मॉल, सब्जी विक्रेताओं, गिफ्ट पैकिंग और रिटर्न गिफ्ट पैकिंग के लिए उपयोगी हैं. वर्तमान में उनके बैग पूरे राज्य में बेचे जा रहे हैं.

संघर्ष से सफलता तक का सफर
ताराबाई ने बताया कि नौकरी से व्यवसाय शुरू करने तक का सफर आसान नहीं था. उन्हें हर कदम पर समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने कहा कि असली आदर्श महिला वह होती है, जो खुद सफल होने के बाद दूसरों को भी आगे बढ़ने का मौका दे. उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि जो भी करें, पूरी प्रतिबद्धता के साथ करें और दूसरों की नकारात्मक बातों पर ध्यान न दें.

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