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25 हजार से लाखों की कमाई, उत्तराखंड की इस महिला के ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स बाजार में मचा रहे धमाल!

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अनिमा हालदार ने 25 हजार रुपये से व्यवसाय शुरू कर लाखों की कमाई की. बेंत और बांस से बने उत्पादों से पहचान बनाई. उनका ‘सत्यम शिवम स्वयं सहायता समूह’ 100 से अधिक महिलाओं को रोजगार दे रहा है.

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अनिमा

अनिमा बांस और बेंत से तैयार कर रहीं हैं कई आकर्षक उत्पाद

हाइलाइट्स

  • अनिमा ने 25 हजार से व्यवसाय शुरू कर लाखों की कमाई की.
  • उनका समूह 100 से अधिक महिलाओं को रोजगार दे रहा है.
  • अनिमा के उत्पाद दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु में भी भेजे जा रहे हैं.

सितारगंज: मेहनत, लगन और दृढ़ता किसी भी इंसान को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है. इस बात को सच कर दिखाया है उत्तराखंड के सितारगंज की रहने वाली अनिमा हालदार ने. मात्र 25 हजार रुपये की छोटी सी पूंजी से अपने व्यवसाय की शुरुआत करने वाली अनिमा आज लाखों रुपये की कमाई कर रही हैं. उनकी पहचान बेंत और बांस से बने आकर्षक बैग और अन्य उत्पादों से है, जिन्हें लोग काफी पसंद कर रहे हैं. अनिमा बताती हैं कि यह उनका पारंपरिक काम है और पीढ़ियों से उनके परिवार में बेंत और बांस के उत्पाद बनाने की परंपरा चली आ रही है, लेकिन पहले बहुत सीमित उत्पाद ही बनाए जाते थे.

2018 में शुरू किया व्यवसाय
अनिमा कहती हैं कि वह हमेशा से कुछ अलग करना चाहती थीं. उन्होंने प्लास्टिक के बढ़ते इस्तेमाल और पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए बांस और बेंत से बने हैंडमेड उत्पादों को बड़े स्तर पर बनाने का निर्णय लिया. साल 2018 में उन्होंने अपने घर से ही छोटे पैमाने पर बैग, टोकरी और अन्य घरेलू उपयोगी सामान बनाना शुरू किया. इसके बाद उन्होंने अपना स्वयं सहायता समूह बनाया, जिसका नाम ‘सत्यम शिवम स्वयं सहायता समूह’ है. धीरे-धीरे लोग उनसे जुड़ते गए और उत्पादन बढ़ता गया. आज उनके पास 5 लाख रुपये से ज्यादा का सामान उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्हें मार्केटिंग में काफी दिक्कतें आईं, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया और धीरे-धीरे उनके उत्पादों को लोगों ने पसंद करना शुरू किया.

महिलाओं को मिल रहा रोजगार
आज अनिमा के बनाए गए बैग, पेन स्टैंड, गिफ्ट आइटम और अन्य हस्तनिर्मित सामान उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और पुणे जैसे बड़े शहरों में भी भेजे जा रहे हैं. उनके समूह से 100 से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जिससे उन्हें भी रोजगार मिल रहा है. अनिमा का कहना है कि वह अपने प्रोडक्ट्स की क्वालिटी से कभी समझौता नहीं करतीं. वह लगातार नए डिजाइनों पर काम करती हैं ताकि उनके प्रोडक्ट्स बाजार में सबसे अलग और आकर्षक लगें. आने वाले समय में अनिमा अपने समूह को और बड़ा करना चाहती हैं. उनका सपना है कि उनके बनाए प्रोडक्ट्स अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी बिक्री के लिए जाएं और लोग प्लास्टिक की बजाय ईको-फ्रेंडली सामान को अपनाएं. साथ ही, अधिक से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर भी मिलें.

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हजार से लाखों की कमाई, उत्तराखंड की इस महिला के ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स की धूम

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