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कमाल है ये दंपत्ति! अमरूद की खेती नहीं, बल्कि Jam बनाकर बेच रहे…मुनाफा जानकर हैरान हो जाएंगे

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Business Idea: बोटाड के किसान दंपति रेखाबेन और दिनेशभाई वघासिया प्राकृतिक खेती से फलों का जैम बना रहे हैं. बिना किसी रसायन के तैयार यह जैम 500 से 1000 रुपये किलो बिक रहा है.

अमरूद की खेती नहीं, बल्कि Jam बनाकर बेच रहे...मुनाफा जानकर हैरान हो जाएंगे

जैविक खेती

गुजरात के बोटाड जिले में रहने वाले किसान दंपति रेखाबेन वघासिया और दिनेशभाई वघासिया पिछले 29 सालों से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. 1995 से वे गाय आधारित खेती को बढ़ावा दे रहे हैं और अपने खेतों में किसी भी प्रकार के रासायनिक उर्वरकों या कीटनाशकों का उपयोग नहीं करते. इससे उनके खेतों की मिट्टी उपजाऊ बनी रहती है और फसलें भी शुद्ध व प्राकृतिक होती हैं.

फलों की खेती से शुरू हुआ सफर
बीते 5-7 वर्षों में उन्होंने फलों की खेती को अपनाया और अपने खेतों में शरीफा, बोरडी, जामरूख, आंवला, अंजीर, नींबू और आम के कुल 1800 से अधिक पेड़ लगाए. शुरू में वे केवल फलों की बिक्री करते थे, लेकिन अब उन्होंने अपने उत्पादों को नई दिशा देने का फैसला किया है.

फलों का जैम बना कर बढ़ाई आमदनी
इस साल से रेखाबेन और दिनेशभाई ने अपने खेत में उगने वाले फलों से जैम बनाना शुरू किया है. पहले वे पारंपरिक तरीके से जैम बनाते थे, लेकिन जब बागवानी विभाग के अधिकारियों ने उनकी तकनीक देखी, तो उन्हें आधुनिक पल्पर मशीन के बारे में जानकारी दी. इसके बाद, उन्होंने इस मशीन की मदद से जैम बनाना सीखा और अब वे अमरूद और अंजीर का जैम बनाकर बाजार में बेच रहे हैं.

जैम की कीमत और गुणवत्ता
उनका अमरूद जैम 500 रुपये प्रति किलोग्राम और अंजीर जैम 1000 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है. जैम बनाने में वे किसी भी प्रकार के कृत्रिम संरक्षक या स्वाद बढ़ाने वाले तत्व नहीं मिलाते, जिससे यह पूरी तरह प्राकृतिक और स्वास्थ्यवर्धक रहता है.

वैज्ञानिक तरीके से अमरूद का परीक्षण
दिनेशभाई बताते हैं कि उनके खेत में तीन तरह के अमरूद उगते हैं. उन्होंने इन अमरूदों को परीक्षण के लिए आनंद कृषि विश्वविद्यालय भेजा, जहां पता चला कि इनमें 10% से 16% तक प्राकृतिक शुगर मौजूद है. इस जानकारी के आधार पर उन्होंने अमरूद से जैम और पाउडर बनाना शुरू कर दिया. अब वे अमरूद के चिप्स बनाने की योजना भी बना रहे हैं.

जैम बनाने की प्रक्रिया
अमरूद को अच्छे से साफ कर पल्प मशीन में डाला जाता है, जिससे उसका गूदा अलग हो जाता है. इसके बाद इसे एक बड़े पैन में निकाल कर उबाला जाता है और उचित मात्रा में चीनी मिलाई जाती है. क्योंकि वे इसमें कोई अतिरिक्त संरक्षक नहीं डालते, इसलिए जैम पूरी तरह प्राकृतिक होता है और सेहत के लिए भी फायदेमंद साबित होता है.

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