Home मध्यप्रदेश Vidisha is the country’s largest 12 feet tall Kubera statue | विदिशा...

Vidisha is the country’s largest 12 feet tall Kubera statue | विदिशा देश की सबसे बड़ी 12 फीट की कुबेर प्रतिमा: संग्रहालय में स्थापित है 2200 साल पुरानी मूर्ति, धनतेरस पर पूजा करने पहुंचे लोग – Vidisha News

37
0

[ad_1]

धनतेरस के साथ ही मंगलवार से दिवाली का पांच दिवसीय त्योहार शुरू हो गया है। आज धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। इस मौके पर लोग विदिशा के संग्रहालय में स्थित कुबेर की पूजा करने पहुंचे।

.

विदिशा के संग्रहालय में करीब 12 फीट ऊंची देश की सबसे बड़ी कुबेर की प्रतिमा मौजूद है, जो करीब 2200 साल पूरानी है। आज धनतेरस के मौके पर बड़ी संख्या में लोग संग्रहालय पहुंचे और विशेष अनुमति लेकर कुबेर देवता की विधि विधान से पूजा की। कुबेर देवता को फूलों का हार, घी का दीपक, श्रीफल, मिष्ठान अर्पित करके उनको प्रसन्न करने की कोशिश की।

विदिशा में देश की सबसे बड़ी कुबेर की प्रतिमा है।

विदिशा में देश की सबसे बड़ी कुबेर की प्रतिमा है।

कुबेर की इस प्रतिमा में सिर पर पगड़ी, कंधो और भुजाओं पर वस्त्र, एक हाथ में अमृत घट और दूसरे हाथ में मुद्राओं की थैली है। इसी के साथ जिला संग्रहालय में ही 6 फीट की कुबेरनी (यक्षी) की भी प्रतिमा है। ऐसी ही एक विशाल प्रतिमा दिल्ली में स्थित रिजर्व बैंक के द्वारा पर भी स्थपित की गई है।

देश में कुबेर की सिर्फ चार प्रतिमाएं

कुबेर की पूजा करने पहुंचे सुशील शर्मा ने बताया कि कुबेर देवता की देश में केवल 4 प्रतिमाएं हैं। पहली विदिशा, दूसरी उत्तर प्रदेश के मथुरा, तीसरी बिहार के पटना और चौथी राजस्थान के भरतपुर में है। हालांकि विदिशा की प्रतिमा सबसे ऊंची और प्राचीन है।

प्राचीन समय में विदिशा व्यापार का सबसे बड़ा केंद्र था। यह धनधान्य से भरपूर था। कुबेर को धन का देवता माना जाता है। तब कुबेर की विशाल प्रतिमाएं बनाई जाती थी जो नगरों में चबूतरों पर स्थापित की जाती थी। और पूजा की जाती थी , उसके बाद से ही कुबेर की पूजा की परंपरा चली आ रही है।

धनतेरस पर लोगों ने की पूजा।

धनतेरस पर लोगों ने की पूजा।

नदी में मिली थी प्रतिमा

जानकारी के मुताबिक संग्रहालय में स्थित कुबेर की यह प्रतिमा 72 साल पहले बैस नदी के घाट पर मिली थी। लोग इसे पत्थर समझकर इसकी पीठ पर कपड़े धोया करते थे। जब नदी का पानी कम हुआ, तो प्रतिमा दिखी। इसके बाद पुरातत्व विभाग ने इसे अपने अधीन कर लिया और जिला पुरातत्व संग्रहालय में स्थापित कर दिया। यहां आम दिनों में किसी को पूजा करने की अनुमति नहीं है। धनतेरस के दिन अनुमति लेक कुबेर देवता की पूजा की जाती है।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here