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Mp News: After Bjp’s Landslide Victory, Dominance In Mp Continues At The Centre, Five Ministers Took Oath As L – Amar Ujala Hindi News Live

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MP News: After BJP's landslide victory, dominance in MP continues at the Centre, five ministers took oath as l

मध्य प्रदेश से यह नेता मोदी के मंत्री
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार में भी मध्य प्रदेश का दबदबा कायम है। पिछली बार की तरह इस बार भी प्रदेश से पांच मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली है। इसमें दो ओबीसी, दो अनुसूचित जनजाति और एक दलित वर्ग से है। 

मध्य प्रदेश में भाजपा के लोकसभा चुनाव में क्लीन स्वीप कर 29 सीटें जीती हैं। इसके बाद प्रदेश में केंद्र सरकार में मंत्री पद का कोटा बरकरार है। रविवार को नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मोदी कैबिनेट 3.0 में प्रदेश के पांच सांसदों ने मंत्रियों की शपथ ली। इसके जरिए मोदी कैबिनेट में प्रदेश का जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण साधा है। कैबिनेट में शिवराज सिंह चौहान समेत तीन नए चेहरों को शामिल किया गया है। मोदी सरकार 3.0 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, टीकमगढ़ से आठ बार के सांसद वीरेंद्र खटीक, धार से सांसद सावित्री ठाकुर और बैतूल-हरदा लोकसभा क्षेत्र से दुर्गादास उइके को मंत्री बनाया गया है। शिवराज और सिंधिया ओबीसी वर्ग से, सावित्री ठाकुर और दुर्गादास उइके अनुसूचित जनजाति और वीरेंद्र खटीक अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं। 

मोदी 2.0 में भी पांच मंत्री थे, इस बार कुलस्ते की छुट्टी

मोदी सरकार की दूसरी कैबिनेट में प्रदेश से पांच मंत्री थे। इसमें दो को ज्योतिरादित्य और वीरेंद्र खटीक को दोबारा मौका मिला है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का पत्ता कट गया है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में पांच सांसदों को चुनाव लड़ाया था। इसमें तीन केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रहलाद पटेल और नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल थे। फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला जिले की निवास से  विधानसभा चुनाव हार गए थे। इसके बाद से ही उनके सियासी भविष्य पर सवाल उठ रहे थे। वहीं, प्रहलाद पटेल और नरेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश सरकार में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। 

शिवराज सिंह ओबीसी का बड़ा चेहरा

विदिशा सीट से सांसद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्र सरकार में पहली बार मंत्री बने हैं। उन्होंने विदिशा सीट 8.21 लाख वोट से विदिशा से जीत दर्ज की है। देश में तीसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। प्रदेश में ओबीसी वर्ग को बड़ा चेहरा है। मध्य प्रदेश से चार बार मुख्यमंत्री रहे। पूर्व मुख्यमंत्री छठी बार विदिशा से लोकसभा का चुनाव जीते हैं। वह 6 बार विधायक के विधायक है। प्रदेश में भाजपा को सभी 29 सीट पर जीत मिली है। इसका एक कारण शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री रहते शुरू हुई लाडली बहना को भी बताया जा रहा है। शिवराज की मामा की छवि उनको जनता से जोड़ती है। 

सिंधिया नरेंद्र मोदी की पसंद 

गुना-शिवपुरी सीट से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछली सरकार में केंद्रीय नागरिक एवं उड्डयन और इस्पात मंत्री रहे। पांच बार के सांसद है। 2019 में कांग्रेस से चुनाव लड़े और भाजपा के केपी यादव से हार गए। 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन की और राज्यसभा सदस्य बने। सिंधिया पीएम और शाह की पसंद है। सिंधिया को भाजपा लगातार आगे बढ़ा रही है। युवा चेहरे के रूप में भाजपा आगे बढ़ा रही है। प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों में भी लोकप्रिय है। 

आठवीं बार सांसद बने हैं खटीक

टीकमगढ़ सीट से सांसद वीरेंद्र कुमार खटीक पिछली सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री रहे है। आठवीं बार के सांसद है। पहली बार 1996 में सांसद बने। मोदी की पहली सरकार में भी मंत्री रहे। प्रदेश में सबसे वरिष्ठ सांसद के साथ अनुसूचित जाति वर्ग से आते है। बुंदेलखंड में अनुसूचित जाति वर्ग का बड़ा वोट बैंक है। खटीक को मंत्री बनाकर भाजपा ने क्षेत्रीय और जातिगत दोनों समीकरण साधने का प्रयास किया है। 

 

दुर्गादास उइके पहली बार मंत्री बने

बैतूल-हरदा लोकसभा सीट से सांसद दुर्गादास उइके मोदी सरकार में पहली बार मंत्री बने हैं। वह राजनीति में 2019 में आए और सांसद बने। वह शिक्षक की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए। संघ के करीबी और आदिवासी वर्ग से आते है। आदिवासी क्षेत्र बैतूल को लंबे समय से राज्य और केंद्र सरकार में कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला था। उइके को मंत्री बना कर भाजपा ने आदिवासी वोट बैंक के साथ ही मध्य भारत और मालवा को भी साधना का प्रयास किया है। 

सावित्री ठाकुर महिला कोटे से

धार से सांसद सावित्री ठाकुर मोदी सरकार में पहली बार मंत्री बनी है। वह मोदी सरकार में 2014 से 2019 तक सांसद थी। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 6 महिला सांसदों को चुनाव में उतारा था, इसी कोटे से सावित्री ठाकुर को टिकट मिला था। सावित्री ठाकुर आदिवासी वर्ग से आती है और आरएसएस की करीबी होने का फायदा मिला। वहीं, ठाकुर को मंत्री बनाकर मालवा क्षेत्र के साथ ही आदिवासी वर्ग को साधने की कोशिश की है।

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