The story of the accused who has been absconding for 12 years by posing as a Baba | महू के मंदिर में साधु बनकर रह रहा था हत्यारा: पुलिसकर्मी बोला- बाबा, मां को आशीर्वाद दे दो, गाड़ी के पास आते ही अरेस्ट किया – Sagar News

सागर पुलिस ने 13 साल से फरार जिस शख्स को पकड़ा है, उसे हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा मिल चुकी थी। वह इंदौर के महू स्थित मंदिर में साधु बनकर छिपा था। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए एक दिन रेकी की। प्लान के तहत रात में पुलिस भक्त बनकर पहुंची। कहा- बाबा,
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आरोपी हिब्बू उर्फ प्रभुदयाल है। उसने 1991 में साथी के साथ मिलकर जमीन विवाद में एक युवक की हत्या कर दी थी। इसी मामले में साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद दोनों आरोपी फरार हो गए। हालांकि, दूसरा आरोपी उम्मू उर्फ उमाशंकर तिवारी गिरफ्त से बाहर है।
बेटे से मिले मोबाइल नंबर से पकड़ाया
देवरी थाना प्रभारी रोहित डोंगरे ने बताया, ‘छानबीन के दौरान पता चला कि आरोपी प्रभुदयाल का परिवार रहली के पास रहता है। उनकी जमीन भी है। जानकारी निकाली, तो जमीन बेटे के नाम पर मिली।
जमीन ट्रांसफर होने के डॉक्यूमेंट्स की जांच की गई। इसमें आरोपी हिब्बू की फौती लगी थी। इसमें लिखा था कि पिता प्रभुदयाल कई साल पहले कहीं चले गए हैं, जो वापस नहीं आए। पुलिस ने बेटे की जानकारी खंगाली तो पता चला कि वह मुंबई के पालघर इलाके में रहता है। वह यहां मजदूरी करता है।
बेटे से संपर्क कर आरोपी प्रभुदयाल से जुड़ी जानकारी जुटाई। बेटे से आरोपी का मोबाइल नंबर लिया। साइबर सेल ने नंबर की लोकेशन ट्रैस की। आरोपी की लोकेशन इंदौर के महू के जाम गेट के पास बने पार्वती मंदिर की मिली। हालांकि, पुलिस ने बेटे का नाम का खुलासा नहीं किया है।
देवरी पुलिस गिरफ्तार कर आरोपी प्रभुदयाल को सागर लेकर आई।
दिनभर भक्त बनकर मंदिर परिसर में घूमती रही पुलिस
पुलिस टीम 14 मई को जाम गेट के पार्वती मंदिर पहुंच गई। वहां 12 से ज्यादा साधु थे। उन्हीं के बीच आरोपी प्रभुदयाल बाबा बनकर छिपा था। उसे पहचानने की चुनौती भी थी। क्योंकि आरोपी करीब 13 साल से फरार था। हुलिया और हाइट के आधार पर पुलिस को एक शख्स पर शक हुआ। दिनभर पुलिस ने मंदिर परिसर में रेकी की। गांववालों से भी पूछताछ की। इसके बाद शाम को उसे पकड़ने की योजना बनाई।
पुलिस टीम मंदिर में अंधेरा होने का इंतजार करने लगी। क्योंकि मंदिर में श्रद्धालुओं के बीच आरोपी को पकड़ने में पुलिस को विरोध का सामना करना पड़ सकता था। अंधेरा होते ही एक जवान आरोपी के पास पहुंचा। कहा- ‘बाबा मेरी मां की तबीयत खराब है। वो गाड़ी में बैठी हैं। आप चलकर आशीर्वाद दे दो। जैसे ही, बाबा गाड़ी के पास आशीर्वाद देने आए, पुलिस ने पकड़ लिया। गाड़ी में बैठाकर इंदौर की ओर चले गए।’
आधार बनवाया, सरनेम छिपाया
फरारी के दौरान आरोपी हिब्बू कई धार्मिक स्थलों पर घूमता रहा। करीब 12 साल पहले वह जाम गेट के पास स्थित पार्वती मंदिर पहुंचा था। यहां स्थानीय निवासी बनकर साधु की वेशभूषा में रहने लगा। पहचान छिपाने के लिए आधार भी बनवा लिया था, लेकिन आधार में सरनेम छिपाया। दाढ़ी और सिर के बाल भी बढ़ा लिए।
उसने हिब्बू उर्फ प्रभूदयाल होने से मना कर दिया। पूछताछ में वह गुमराह करने लगा। सख्ती से पूछताछ की, तो आरोपी ने जुर्म कबूल कर लिया। मामले में आरोपी उम्मू उर्फ उमाशंकर तिवारी अभी फरार है।
एसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि पुलिस टीम ने आरोपी को पकड़ने के लिए पांच बार कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।

हत्या का आरोपी प्रभुदयाल मंदिर में साधु के भेष में रह रहा था।
1991 में जमीन विवाद में हत्या, 2011 में उम्रकैद
सागर के देवरी में साल 1991 में बाबूलाल (34) पिता चंद्रभान पचौरी निवासी ग्राम मछरिया के मवेशी आरोपी वारंटी उम्मी उर्फ उमाशंकर पिता दशरथ तिवारी के खेत में घुस गए थे। इसी के चलते आरोपी उम्मी उर्फ उमाशंकर और हिब्बू उर्फ प्रभुदयाल पिता गया प्रसाद पचौरी ने बाबूलाल की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। मामले में देवरी पुलिस ने केस दर्ज कर जिला न्यायालय में चालान पेश किया था।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था। इसी बीच, पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने 4 फरवरी 2011 में दोनों को उम्रकैद सुनाई।
आदेश जारी होने के बाद आरोपी फरार हो गए। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही थी। करीब दो महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के गिरफ्तारी वारंट जारी किए। इसके बाद देवी पुलिस हरकत में आई। एसपी अभिषेक तिवारी ने आरोपियों को गिरफ्तार करने टीम गठित की। एसपी ने बताया कि इससे पहले भी आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है।
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