मध्यप्रदेश

Mp News:राजगढ़ में गुर्जर समाज ने किया प्रदर्शन, दलित के साथ सामूहिक दुष्कर्म की धाराएं हटाने की मांग – Gurjar Community Demonstrated In Rajgarh Asked To Remove Pocso Act In Gang Rape Case


समाज ने किया प्रदर्शन।
– फोटो : Amar Ujala

विस्तार

राजगढ़ के करनवास थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नापलियाखेड़ी में बीते दिनों दलित युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और उसके परिजनों से मारपीट के मामले ने मंगलवार को फिर से तूल पकड़ लिया है। इस बार आरोपी बनाए गए आठ लोगों के समर्थन में गुर्जर समाज के सैकड़ों लोगो ने एसपी कार्यालय का घेराव किया और वहां मौजूद राजगढ़ कलेक्टर हर्ष दीक्षित और एसपी वीरेंद्र कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा। मामले की निष्पक्ष जांच और दुष्कर्म की धाराएं हटाकर केवल मारपीट की धाराओं का मामला दर्ज रहने की मांग की है।

क्या है पूरा मामला

करनवास थाना क्षेत्र के नापलियाखेड़ी गांव में एक दलित परिवार की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसके परिजनों  के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया था। इसमें पीड़ित परिवार ने आरोप लगाए कि उनकी दलित युवती के साथ घर मे घुसकर पांच आरोपियों ने सामूहिक दुष्कर्म किया है। पुलिस ने कुल आठ आरोपी बनाए थे। उनके विरुद्ध दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण भी दर्ज किया गया था। इनमें से सात को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया था। मंगलवार को जिले भर से राजगढ़ जिला मुख्यालय में एकात्रित हुए गुर्जर समाज के लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म मामले में आठ लोगों के विरुद्ध सामूहिक दुष्कर्म की धाराओं में दर्ज प्रकरण वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ है। सिर्फ मारपीट की धाराएं लगाई जाएं।  

गुर्जर समाज ने बताया मामला

गुर्जर समाज के पदाधिकारियों और गांव के सरपंच ने बताया कि नाली निर्माण को लेकर गांव के उपसरपंच अरविंद गुर्जर और दलित परिवार में विवाद हुआ था। अरविंद गुर्जर के विरुद्ध SC/ST एक्ट के तहत प्रकरण भी कायम किया गया था। उसी मामले में आपत्ति लगाने के लिए दलित परिवार युवती को लेकर कोर्ट में आया। राजीनामे को लेकर बात भी हुई। अरविंद गुर्जर से घर आने को कहा गया। अरविंद और उसके साथ सात लोग जब दलित परिवार के घर पहुंचे तो वहां मौजूद पीड़िता ने बदसलूकी की। उनके साथ मारपीट हुई। सामूहिक दुष्कर्म जैसा कोई घटनाक्रम नहीं हुआ। यह एक सोची-समझी साजिश के तहत हो रहा है। हमारी मांग है कि केवल मारपीट की धाराएं रहने दी जाए और सामूहिक दुष्कर्म की धाराएं हटाई जाए जो कि सरासर गलत और बेबुनियाद है।

 


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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