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भोपाल में 1 अप्रैल से नई कलेक्टर गाइडलाइन बढ़ जाएगी।
राजधानी भोपाल में आज (1 अप्रैल) से प्रॉपर्टी खरीदना महंगा हो जाएगा। कुल 1312 लोकेशन पर कलेक्टर गाइडलाइन औसत 14 प्रतिशत तक बढ़ गई है। यानी, अब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने पर लोगों को ज्यादा राशि चुकाना पड़ेगी। विरोध और दावे-आपत्ति के बाद प्रस्तावित गाइ
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27 मार्च को जिला मूल्यांकन समिति की बैठक हुई थी। इसमें भोपाल समेत 12 जिलों के पिछले 5 साल के आंकड़े दिखाकर गाइडलाइन फाइनल कर दी गई थी। इसी दिन इसे केंद्रीय मूल्यांकन कमेटी को भेज दिया गया था और फिर उसे मंजूरी मिल गई थी। इससे पहले सोमवार देर रात तक रजिस्ट्री करवाने का दौर चलता रहा। कई लोगों ने पुराने रेट पर रजिस्ट्री करवाई। वरिष्ठ जिला पंजीयक स्वप्नेश शर्मा ने बताया, 1 अप्रैल से नई गाइडलाइन के हिसाब से ही प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होगी।

कई इलाकों में गाइडलाइन ज्यादा बढ़ी नए वित्त वर्ष की कलेक्टर गाइडलाइन पर राज्य सरकार ने मुहर लगा दी। औसत 14 प्रतिशत गाइडलाइन बढ़ी है, लेकिन शहरी इलाकों में बावड़िया और ग्रामीण इलाकों में रातीबड़-नीलबड़ जैसे 167 उन जगहों पर 50% से ज्यादा वृद्धि की गई हैं। जहां प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री ज्यादा है। भोपाल जिले की 3883 में से 1312 लोकेशन पर दाम बढ़ाए गए हैं। 1601 लोकेशन पर कोई बदलाव नहीं किया गया है।

इन जगहों पर रेट नहीं बढ़े मंडीदीप से सीहोर नाके तक पश्चिमी बायपास बनाया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए जमीनों का अधिग्रहण किया जाना है। यहां दोगुना मुआवजे का प्रावधान हैं। इस सड़क के लिए करीब 600 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। इसमें 525 एकड़ जमीन निजी है। वहीं करीब मेट्रो के पहले रूट पर करीब सरकार को 250 करोड़ रुपए ज्यादा का मुआवजा देना पड़ सकता है। इन क्षेत्रों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई।

जिला मूल्यांकन समिति की बैठक 27 मार्च को हुई थी। जिसमें गाइडलाइन को फाइनल कर केंद्रीय मूल्यांकन समिति को भेजी गई थी।
इन जिलों का दिखाया डेटा जिला मूल्यांकन समिति की मीटिंग में भोपाल समेत अशोकनगर, बालाघाट, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, ग्वालियर, हरदा, इंदौर, जबलपुर, खंडवा, मंडला और पन्ना का पिछले 5 साल का डेटा दिखाया गया था। जिसमें गाइडलाइन वृद्धि बताई गई थी।
पिछली बार प्रस्तावित गाइडलाइन रोक दी गई थी पिछले साल नवंबर में साल की दूसरी (संशोधित) गाइडलाइन प्रस्तावित की गई थी। इसमें 1283 लोकेशंस पर जमीनों के भावों में 5 से 200 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि प्रस्तावित की गई थी। उस समय भाजपा सांसद आलोक शर्मा, विधायक भगवान सबनानी, रियल एस्टेट कारोबारियों की संस्था क्रेडाई भोपाल ने इसका विरोध किया था। वे डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा से भी मिले थे। इसके बाद इसे टाल दिया गया था।
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