मध्यप्रदेश

The process of removing encroachment on Madan Mahal hill is slow | मदन महल पहाड़ी पर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया धीमी: रानी दुर्गावती स्मारक का काम नहीं हो पाया शुरू, पीएम मोदी ने किया था भूमिपूजन – Jabalpur News


गोंडवाना साम्राज्य की वीरांगना रानी दुर्गावती के सम्मान में जबलपुर की मदनमहल पहाड़ी पर बनाए जाने वाले भव्य स्मारक का निर्माण फिलहाल अटक गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साल पहले इस परियोजना का भूमिपूजन किया था, लेकिन अतिक्रमण की समस्या के चलते

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100 करोड़ रुपए की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत 21 एकड़ में स्मारक का निर्माण प्रस्तावित है। डीपीआर तैयार हो चुकी है और टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो गई है। परियोजना के तहत 52 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा स्थापित की जानी है, साथ ही एक लाइट एंड साउंड शो के जरिए रानी दुर्गावती के शौर्य और पराक्रम को प्रदर्शित किया जाएगा।

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने फरवरी के अंत तक लॉटरी के माध्यम से अतिक्रमण हटाने का वादा किया था। मप्र पर्यटन विभाग के चीफ इंजीनियर दीपक दवे के अनुसार, विभाग की तरफ से सभी तैयारियां पूरी हैं।

कलेक्टर सक्सेना ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को तेवर क्षेत्र में पुनर्वास की व्यवस्था की जा रही है। मप्र उच्च न्यायालय पहले ही मदनमहल पहाड़ियों से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दे चुका है। पहले चरण में कुछ अतिक्रमण हटाए गए थे।

तेवर में पुनर्वास के लिए जगह चिह्नित कर ली गई है और प्लॉट काटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

52 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा होगी स्थापित

इस परियोजना के तहत मदनमहल पहाड़ी पर रानी दुर्गावती के किले के पास 52 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा भी स्थापित की जानी थी, लेकिन अब भूमि विवाद के कारण यह परियोजना शुरू होने से पहले ही बाधित हो गई है। हालांकि, इस परियोजना के लिए पहली किस्त के रूप में 28 करोड़ रुपए की राशि भी आवंटित की जा चुकी है।

दरअसल, नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने इस पर आपत्ति जताई थी कि स्मारक निर्माण के लिए प्राकृतिक सौंदर्य को नष्ट किया जाएगा और पेड़ों की कटाई होगी।

लाइट एंड साउंड शो में दिखेगा शौर्य और पराक्रम

स्मारक में रानी दुर्गावती और गोंड साम्राज्य के शौर्य, कला एवं संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा। रानी के अद्वितीय पराक्रम को दिखाने के लिए लाइट एंड साउंड शो आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा, एंट्रेंस प्लाजा, सोविनियर शॉप और सूचना केंद्र भी विकसित किए जाएंगे। साथ ही, सार्वजनिक सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।

जनजातीय ग्राम समूह और फूड स्ट्रीट होंगे आकर्षण का केंद्र

स्मारक परिसर में जनजातीय ग्राम समूह क्षेत्र भी विकसित किया जाएगा, जिसमें ग्रामीण शैलियों में निर्मित कृतियों के माध्यम से गोंडवाना क्षेत्र की जनजातीय कला, शिल्प और सांस्कृतिक जीवन के दर्शन होंगे।

इसके अलावा, जनजातीय व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष फूड स्ट्रीट विकसित की जाएगी। इसका निर्माण अलग-अलग शैलियों में किया जाएगा, जिसमें पारंपरिक फूड स्टॉल और ग्रामीण दुकानों का प्रदर्शन होगा।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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