मध्यप्रदेश

बघेली संस्कृति पर प्रो. उमेश कुमार बोले- अकबर के नौ रत्नों में से दो रत्न बघेलखंड के थे | Prof. on Bagheli culture. Umesh Kumar said – out of nine gems of Akbar, two gems were from Baghelkhand

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भोपाल15 मिनट पहले

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कार्यक्रम के समापन के मौके पर मुख्य वक्ता समेत कई लोग मौजूद थे।

जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी, जनजातीय संग्रहालय व शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई कन्या स्नाकोत्तर (स्वशासी) महाविद्यालय की ओर से परिसंवाद का आयोजन जनजातीय संग्रहालय के सभागार में किया गया। कार्यक्रम मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय की लिखंदरा दीर्घा की मासिक परिसंवाद श्रृंखला के तहत आयोजित था। दो दिवसीय कार्यक्रम में दूसरे यानि शुक्रवार को मुख्य वक्ता प्रो. उमेश कुमार सिंह ने बघेली लोक संस्कृति पर विचार रखे।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन व अतिथियों के स्वागत से की गई। इस दौरान महारानी लक्ष्मी बाई कन्या स्नाकोत्तर (स्वशासी) महाविद्यालय के हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. प्रज्ञा थापक, परिसंवाद के समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार शर्मा व विद्यार्थी उपस्थित रहे। परिसंवाद का संचालन शुभम चौहान ने किया।

स्वागत उद्बोधन में अकादमी, निदेशक डॉ. धर्मेंद्र पारे ने दिया। मुख्य वक्ता प्रो. उमेश कुमार सिंह ने कहा कि लोक संस्कृति में जीवन दृष्टि, संस्कृति, परंपरा है। बघेलखंड का नाम इसलिये पड़ा क्योंकि यहां कई वर्षों तक बघेलों ने शासन किया। साथ ही, यहां कई राजाओं व रियासतों ने अपना शासन किया है। विंध्य 25 रियासतों से मिलकर बना था। पहले रीवा राज्य प्रयागराज से लेकर अमरकंटक तक हुआ करता था। बघेलखण्ड क्षेत्र में विविध लोकगीत, लोककथा, लोकसंगीत, लोकोक्ति, ऐतिहासिक व पर्यटन स्थल है।

वन संपदा में विंध्य धनी रहा है। यहां कत्था, बीड़ी के पत्ते, मलियागिरी चंदन व अन्य मिलते हैं। साथ ही, अकबर के नौ रत्नों में दो रत्न भी बघेलखंड के थे। यहां देश का एक मात्र श्री महामृत्युंजय का मंदिर भी है। करीब 7वीं शताब्दी में आदिशंकराचार्य उत्तर भारत की यात्रा करके आ आए, तो वे एक दिन के लिए बघेलखंड में रुके। यहां पांचवे मठ की स्थापना भी की गई। परिसंवाद के दौरान उन्होंने कई त्योहार व भाषाओं की विविधता के बारे में बताया। सत्र के अंत में संगोष्ठी के समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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