Outsourced employees’ show of strength in Bhopal today; Outsource employees’ Protest; Bhopal; Neelam Park | MP के आउटसोर्स कर्मचारियों का भोपाल में शक्ति प्रदर्शन: नीलम पार्क में जुटेंगे, 21हजार न्यूनतम वेतन की मांग – Bhopal News

6 अगस्त 2023 को भी नीलम पार्क में आउटसोर्स कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था।
मध्यप्रदेश के सरकारी विभागों, अर्द्धसरकारी संस्थानों में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारी रविवार को भोपाल में अपनी मांगों को लेकर शक्ति प्रदर्शन करेंगे। भोपाल के नीलम पार्क में कार्यक्रम की परमिशन शनिवार रात प्रशासन की ओर से मिली है। इसमें प्रदेश भर से आ
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इन सरकारी और अर्द्धसरकारी संस्थाओं के कर्मचारी होंगे शामिल ग्राम पंचायतों के चौकीदार, भृत्य, पंप ऑपरेटर, सफाईकर्मी, स्कूलों, छात्रावासों के अंशकालीन, अस्थाई कर्मचारी, निगम मंडल, नगरीय निकाय, सहकारिता के आउटसोर्स, अस्थाई कर्मी, शासकीय विभागों के आउटसोर्स कंप्यूटर ऑपरेटर, अस्पताल, मेडिकल कॉलेजों के वार्ड न्याय, सुरक्षाकर्मी, सहित चतुर्थ श्रेणी आउटसोर्स कर्मचारी, मंडियों, राष्ट्रीयकृत एवं सहकारी बैंकों, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, यूनिवर्सिटी, आयुष विभाग के योग प्रशिक्षक, शिक्षा विभाग के व्यावसायिक प्रशिक्षकों सहित सभी शासकीय अर्द्धशासकीय विभागों के अस्थाई, आउटसोर्स कर्मचारी “नौकरी में सुरक्षा और न्यूनतम 21000 रूपए वेतन” की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा। चपरासी, चौकीदार की नौकरी देने में असफल सरकार के खिलाफ “कामगार क्रांति आंदोलन” के जरिए न्याय मांग रहे हैं।
आउटसोर्स, अस्थाई, अंशकालीन, ग्राम पंचायत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के वासुदेव शर्मा ने जानकारी दी।
विभागों का 80% निजीकरण होने से कर्मचारियों का भविष्य संकट में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे आउटसोर्स, अस्थाई, अंशकालीन, ग्राम पंचायत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा का कहना है कि मप्र में सरकारी विभागों में ठेकेदारों का राज चल रहा है। सभी विभागों का 80 प्रतिशत निजीकरण हो चुका है। ऐसे में सरकारी विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों की नौकरी में न सुरक्षा बची है और न ही सरकार का तय न्यूनतम वेतन मिलता है। यह कर्मचारी अन्याय के शिकार हैं।
इसी के तहत कामगार क्रांति आंदोलन किया जा रहा है। इसमें प्रदेशभर से हजारों कर्मचारी शामिल होकर न्याय के लिए आवाज बुलंद करेंगे। ग्राम पंचायतों के चौकीदारों, पंप ऑपरेटरों, भृत्यों से 3 हजार में काम कराया जा रहा है। वहीं, स्कूलों छात्रावासों के अंशकालीन, अस्थाई कर्मचारियों का वेतन 2006 के बाद नहीं बढा है। इस कारण उन्हें अब भी 4-5 हजार रुपए वेतन ही मिलता है।
आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन से 18% जीएसटी तक काटा जा रही है। न्यूनतम वेतन रिवाइज करके कम कर लिया गया है, यह अन्याय है।

छिंदवाड़ा के आउटसोर्स कर्मचारी रैली निकालकर प्रदर्शन करते हुए।
प्रशासन ने देर रात दी अनुमति कर्मचारी नेताओं का कहना है कि “कामगार क्रांति आंदोलन” के लिए नीलम पार्क में अनुमति का पत्र 2 सितंबर को ही लगा दिया था लेकिन पुलिस प्रशासन ने अनुमति देने में देरी की और देर रात नीलम पार्क की अनुमति 2-3 घंटे चली बैठक के बाद दी गई।
20 साल से नहीं हुई तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की भर्ती शर्मा ने कहा कि मप्र में 20 साल से चतुर्थ एवं तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती नहीं हुई है। सरकार ने चपरासी, सफाईकर्मी की नौकरी तक नहीं दी है। अस्थाई कर्मचारी के रूप में 2-3 हजार रूपए में काम कराया जा रहा है।इन्हें सरकार का तय न्यूनतम वेतन तक नहीं मिलता। इस तरह लाखों कर्मचारियों के साथ अन्याय किया जा रहा है, जिसके खिलाफ कामगार क्रांति आंदोलन में एकजुट होकर आवाज उठाई जा रही है। सरकार से जिंदा रहने लायक वेतन और नौकरी में सुरक्षा की मांग की जा रही है।
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