अजब गजब

संस्कृत की अनोखी शिक्षिका, इनकी शिक्षा पद्धति झारखंड में मिसाल, अब मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार

बोकारो. बोकारो जिले के प्लस 2 हाई स्कूल, चंदनकियारी की शिक्षिका डॉ.आशा रानी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के लिए चयनित किया गया है. यह पुरस्कार उन्हें भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा संस्कृत विषय के क्षेत्र में उनके सार्थक प्रयासों और उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जा रहा है. डॉ. आशा रानी को यह सम्मान 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर, नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किया जाएगा. इस समारोह में उन्हें 50 हजार रुपए और मेडल देकर सम्मानित किया जाएगा.

स्थानीय भाषाओं में संस्कृत के मिलते-जुलते शब्दों से पढ़ाया
लोकल 18 से खास बातचीत में डॉ. आशा रानी ने बताया कि यह सम्मान मेरे लिए बेहद गर्व और खुशी की बात है क्योंकि संस्कृत मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा है. मैं हमेशा से चाहती थी कि इस भाषा को हर छात्र समझे और सराहे, क्योंकि आजकल के ग्रामीण विद्यार्थी संस्कृत विषय के प्रति कम रुचि ले रहे हैं, ऐसे में मैंने इन चुनौतियों को अपनाकर स्थानीय भाषाओं में संस्कृत के मिलते-जुलते शब्दों के जरिए बच्चों को संस्कृत पढ़ाना शुरू किया. इसके बाद गीत, नाटक, खेल, श्लोक के माध्यम से बच्चों में संस्कृत के प्रति रुचि जागृत की.

संस्कृत में ऑनलाइन कंटेंट बनाया
इसके अलावा कोरोना काल में उन्होंने यूट्यूब चैनलविद्यां ददाति विनयाम के माध्यम से बच्चों के लिए संस्कृत में ऑनलाइन कंटेंट बनाया, ताकि छात्र घर पर सुरक्षित तरीके से पढ़ाई कर सकें. वहीं शिक्षिका आशा रानी ने इस उपलब्धि का श्रेय अपने परिवार और विद्यालय के सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों को दिया है. भविष्य में अगला लक्ष्य अधिक से अधिक ग्रामीण विद्यार्थियों को संस्कृत से जोड़ना है, ताकि विद्यार्थियों के डर को मिटाकर सरलता पूर्वक उन्हें पढ़ाई के प्रोत्साहित किया जा सके.

Tags: Bokaro news, Jharkhand news, Local18, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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