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After practising for 3 months, a 9 member team of Fateh climbed a 21 thousand feet high mountain in 8 days, a youth from Burhanpur was also in the team | 8 दिन में 21 हजार फीट उंची पहाड़ी फतह की: 9 सदस्यीस दल में बुरहानपुर का आकाश भी शामिल, 3 महीने प्रैक्टिस की थी – Burhanpur (MP) News

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3 महीने की प्रैक्टिस, कई बार स्वास्थ्य परीक्षण फिर अनुमति के बाद 8 दिन में हिमाचल प्रदेश की 21 हजार फीट ऊंचाई स्थित पहाड़ी को 9 सदस्यीय दल ने फ़तह किया। इसमें बुरहानपुर के उद्यमी आकाश अग्रवाल भी शामिल रहे। उन्होंने चाऊ चाऊ कांग निल्डा पहाड़ पर 21 हजार

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इस पहाड़ पर चढ़ने वाला यह दूसरा भारतीय दल है, इससे पहले 1988 में भारतीय दल ने चढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद 2019 में जापान ने सफलता हासिल की थी। अब 2024 में आकाश के दल ने यह उपलब्धि पाई। इस चोटी पर अब तक केवल 4 दलों ने ही पहुंचने में सफलता हासिल की है। इसमे दो दल भारतीयों के शामिल हैं।

10 किलो वजन पीठ पर लादकर करते थे प्रैक्टिस
उद्यमी आकाश अग्रवाल बताते हैं कि इस सफलता को हासिल करने के लिए कई कठिनाइयों से होकर गुजरना पड़ा। हर दिन 10 किलो वजन पीठ पर लादकर प्रैक्टिस करते थे। प्रतिदिन 10 किमी रनिंग करना पड़ती थी।

करीब 3 माह तक यह प्रैक्टिस सुबह और शाम में की। स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर कराया जाता था। इसके बाद सेना और वहां के प्रशासन ने चढ़ाई की अनुमति दी। युवाओं के दल ने 21 हजार फीट ऊंची पहाड़ी पर पहुंचकर तिरंगा फहराया। यह दूरी उन्होंने आठ दिन में पूरी की।

2016 में की थी ट्रैकिंग और क्लाइबिंग की शुरुआत
बुरहानपुर के आकाश अग्रवाल बताते हैं कि उन्होंने साल 2016 में ट्रैकिंग और क्लाइबिंग की शुरुआत की थी। वह अब तक करीब 16 स्थानों पर ट्रैकिंग और क्लाइबिंग कर चुके हैं। अब एक दल के साथ हिमाचल प्रदेश की चाऊ चाऊ कांग निल्डा पहाड़ी पर चढ़कर इतिहास रचा। जहां ऑक्सीजन लेवल काफी कम होता है।

वे कहते हैं कि यह दुनिया का सबसे खतरनाक और उंचा पहाड़ है, जो 6303 मीटर का पहाड़ है जो 21115 फीट लंबा है। दुनिया में एक से दो परसेंट लोग ही इस तरह का इंटरेस्ट रखते हैं। उन्होंने कहा मैं युवाओं से कहना चाहूंगा कि जो मुमकिन नहीं वह काम हमें करना है।

कहां है चाऊ चाऊ कांग निल्डा पहाड़
यह भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में स्पीति घाटी के डेमुल गांव में स्थित है। यह चोटी महान हिमालय पर्वतमाला से संबंधित है। यह समुद्र तल से लगभग 21115 फीट या 6303 मीटर ऊपर है। कहा जाता है कि चाऊ चाऊ कांग निल्डा नाम स्थानीय स्पीति बोली से आया है, जहां कांग निल्दा का अर्थ है बर्फ से ढंकी चोटी जबकि चाऊ चाऊ का अर्थ है एक छोटी लड़की। इस प्रकार इसे कभी कभी यंग गर्ल की बर्फ से ढंकी चोटी के रूप में भी जाना जाता है।

पहली चढ़ाई का इतिहास- जेम्स रॉबर्ट एरिक शिप्टन और हेरोल्ड विलियम टिलमैन 1939 में माउंट चाऊ चाऊ कांग निल्डा पर चढ़ने वाले पहले व्यक्ति थे। बर्फ पर चढ़ना और हिमनद पार करना इस स्थान पर आने के लिए सबसे लोकप्रिय पैदल यात्रा मार्ग है। इसे काफी कठिन चढ़ाई माना जाता है।

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