अजब गजब

गोभी की इस खास वैरायटी की खेती से होगी बंपर कमाई, रोग लगने का खतरा भी कम, जानिए कैसे करें शुरू

दीपक कुमार/बांका: गोभी तो आपने बहुत खाया होगा. गोभी के कई वैरायटी भी बाजार में उपलब्ध है, लेकिन आज आपको हम एक ऐसे गोभी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका शायद हीं आपने नाम सुना होगा. यह दिखने में आम गोभी की हीं तरह होता है, लेकिन साइज बड़ा होने के साथ खाने में भी स्वादिष्ट होता है. बाजार में इसका रेट भी अधिक है. इस गोभी का नाम दुल्हन गोभी है. बांका के अमरपुर में किसान इस प्रजाति की गोभी की खेती कर रहे हैं. इसमें आम गोभी से दोगुनी कमाई होती है. बांका जिला के अमरपुर प्रखंड अंतर्गत कटहरा गांव में रवि कुशवाहा नामक किसान भी दुल्हन गोभी की खेती एक बीघा में कर रहे हैं.

किसान रवि कुमार कुशवाहा ने बताया कि दुल्हन गोभी की खेती करने के लिए अक्टूबर से दिसंबर तक के बीच रोपाई की जाती है और यह फसल 90 दिनों में तैयार हो जाता है. इस फसल रोग भी नहीं लगता होता है. साथ हीं बताया कि इस गोभी को दुल्हन गोभी इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि यह गोभी तकरीबन तील किलो तक का होता है तो पत्ते से पूरी तरह ढका रहता है.

700 से 900 रूपए तक मिलता है इसका बीज
दुल्हन गोभी की बीज की बात की जाए तो मंहगा है. साधारण गोभी के बीज की कीमत करीब 100 रूपए है, लेकिन दुल्हन गोभी का बीज 700 से 900 रूपए तक में मिलता है. किसान को यह मंहगा लगता है, इसलिए सीमित किसान हीं इसकी खेती करते हैं. किसान रवि कुमार कुशवाहा ने बताया कि इस गोभी का स्वाद भी अन्य गोभी से अलग है. इस गोभी से स्वादिष्ट सब्जी बनता है और इसको खाने से शरीर को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता है.

एक बीघा से 60 हजार तक की हो जाती है बचत
किसान रवि कुशवाहा ने बताया कि दुल्हन गोभी की खेती कर किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. एक बीघा में इसकी खेती करने पर 10 हजार का खर्च आता है. वहीं तैयार फसल की बिक्री करने के बाद 60 हजार का बचत आराम से हो गया. किसान रवि ने बताया कि पिछले 10 वर्षो से दुल्हन गोभी की खेती करते आ रहे हैं. व्यापारी खेत पर हीं आकर गोभी ले जाते हैं. कुछ लोकल बाजार में बिक जाता है.

वहीं व्यापारी इस गोभी को बांका से बाहर ले जाकर भी बिक्री करते हैं. आम गोभी जहां 10 से 15 रूपए में बिकता है वहीं दुल्हन गोभी 25 से 30 रूपए में बिकता है. सबसे खास बात यह है कि गोभी में किसी प्रकार का रोग नहीं लगता है, जिससे कीटनाशक व अन्य दवाईयों में खर्च होने वाले पैसे बच जाता है. हालांकि गोभी के अलावा अन्य सब्जियों की भी खेती करते हैं.

Tags: Banka News, Local18, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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