मध्यप्रदेश
Dreams burned along with the house | हरदा ब्लास्ट में परिजन को खोने वालों की कहानी: बेटी कॉलेज से लौटी तो उजड़ गया था परिवार, अब तीन भाई-बहनों की जिम्मेदारी – Madhya Pradesh News

हरदा4 मिनट पहले
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जब सुबह कोटिंग के लिए घर से निकली तो मुझे एहसास ही नहीं था कि कुछ समय बाद मेरा हंसता-खेलता परिवार मुझसे दूर होने वाला है। एक पल में ही हम चार भाई-बहन अनाथ हो गए। ये कहते हुए 20 साल की नेहा फूट-फूट कर रोने लगती है। 6 जनवरी को हरदा की बैरागढ़ स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुए हादसे में नेहा ने अपने माता-पिता को खो दिया है। फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद सीमेंट्र कंक्रीट, रॉकेट की रफ्तार से एक-एक किमी दूर तक लोगों पर बरसे थे। जो लोग घर के पास में थे वो इसकी चपेट में सबसे पहले आए। इन्हीं की वजह से नेहा के माता-पिता की मौत हुई।
फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद सबसे ज्यादा नुकसान इसके पास बने
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