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- On Martyr’s Day, Youths Gathered In Kranti Mashal Yatra, Roads Decorated With Saffron Flags
धारएक घंटा पहले
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शहर में गुरुवार को राष्ट्रप्रेम का अद्भूत माहौल था। मुख्य मार्गों पर हाथों में मशाल लेकर हजारों युवाओं का समूह उनके मुख से भारत माता की जय के गूंजते नारों ने पूरे शहर को राष्ट्रभक्ति के रंग में सराबोर कर दिया। आयोजन था प्रतिवर्ष 23 मार्च को शहीद दिवस पर शहीद भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु की स्मृति में निकनले वाली शहीद क्रांति मशाल यात्रा का। इस वर्ष यात्रा 23वें वर्ष में प्रवेश कर गई है। इस उम्र में भगतसिंह ने अपने साथियों के साथ प्राणों का बलिदान दिया था। उनकी स्मृति में धार में यात्रा आयोजक राजीव यादव के नेतृत्व में शहीदों की प्रतिमा का अनावरण टीवीएस चौराहा स्थित शहीद स्मारक पर किया गया। इस दौरान शहीद सुखदेव और राजगुरु के वंशज भी मौजूद थे। यात्रा की शुरुआत रात करीब 8 बजे मोतिबाग से हुई।
देशभक्ति के गीत पर झूमे लोग
क्रांति मशाल यात्रा गुरुवार को मोतीबाग चौक से प्रारंभ होकर शहीद स्मारक पहुंची। इस दौरान यात्रा मार्ग पर जगह-जगह धर्म ध्वज लगे हुए थे। वहीं युवाओं के हाथों में तिरंगे ध्वज थे। यात्रा का विभिन्न समाज के मंचों, सामाजिक संस्थाओं और राजनैतिक दलों के दर्जनों मंचों से पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया गया। इधर शहीद स्मारक पर देशभक्ति के गीतों का प्रस्तुतिकरण हुआ। जिसमें युवा जमकर गीतों पर झूमे। आयोजन की खास बात यह रही कि स्मारक पर शहीदों की नवस्थापित प्रतिमाओं को दीपांजलि देने के लिए मातृशक्तियां भी बड़े पैमाने पर पहुंची।
शहीदों के प्रतीक बने, चूमा फंदा
गुरुवार को 3 घंटे तक धार के प्रमुख मार्गों पर युवाओं की मौजूदगी दिखाई दी। मशाल यात्रा के स्वागत के लिए अनेकों स्थानों पर स्वागत मंच से पुष्पवर्षा की गई। 23 मार्च की सुबह से ही शहर में देशभक्ति के गीत सुनाई दे रहे थे। मशाल यात्रा के प्रचार हेतु संचालित वाहन से मेरा रंग दे बसंती चोला के गीत ने राष्ट्र पर्व का माहौल बना दिया। यात्रा मोतीबाग चौक से भारत माता की जय के घोष के साथ प्रारंभ हुई। शहर के अलग-अलग इलाकों से युवा हुजूम के रूप में ढोल-ढमाकों के साथ यात्रा में सम्मिलित हुए। यात्रा के मद्देनजर शहर में अनेकों स्थानों पर केसरिया पताकाएं लगाई गई थी। मशाल यात्रा में शहीद भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु का प्रतीक बनकर युवाओं ने उनके हंसते-हंसते बलिदान देने का दृश्य जीवंत किया।
इंकलाब जिंदाबाद, भारत माता के जयकारे लगे
मोतीबाग चौक से यात्रा प्रारंभ हुई। इस दौरान हजारों मशालों के प्रज्जवलित होने के बाद युवाओं का हुजूम जब सड़कों पर भारत माता के जयकारे लगाते हुए निकला तो आजादी की लड़ाई में युवा क्रांति का दौर जीवंत हो उठा। देश भक्ति के गीत, राष्ट्र प्रेम के नारे, युवाओं के हाथों में मशाल, केसरिया ध्वज, तिरंगे ने धार में राष्ट्र प्रेम का माहौल बना दिया। नन्हें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक यात्रा में शामिल थे। इस दौरान इंकलाब जिंदाबाद, भारत माता के जयकारे भी लगाए गए।
इन क्षेत्रों से गुजरी यात्रा
शहीद क्रांति मशाल यात्रा मोतीबाग चौक (भोजशाला) से प्रारंभ हुई। यात्रा के मंचीय कार्यक्रम को आयोजक राजीव यादव एवं अतिथि शहीद सुखदेव के वंशज और राजगुरु के वंशज श्री नैय्यर ने संबोधित किया। यात्रा मोतीबाग चौक से प्रारंभ गाछावाड़ी, राजबाड़ा, आनंद चौपाटी, जवाहर मार्ग, धानमंडी होते हुए मोहन टॉकिज व उदाजीराव पंवार चौपाटी से गुजरते हुए शहीद स्मारक पर पहुंची।


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