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अस्पताल में भर्ती लोग
– फोटो : अमर उजाला
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छतरपुर में फ़ूड पॉयजनिंग के शिकार लोगों के बीमार होने के चलते अब मुनादी कराकर लोगों को सतर्क रहने सूचित किया जा रहा है। मुनादी के जरिए लोगों को सूचित किया जा रहा है कि कुट्टू का आटा या सिंघाड़े के आटे का उपवास में सेवन ना करें। बड़ामलहरा क्षेत्र अंतर्गत आटे का सेवन करने से सात लोग बीमारहो चुके हैं। जिसके चलते वे जिला अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं। दरअसल छतरपुर जिले के बड़ामलहरा में शर्मा परिवार ने व्रत रखा था। जहाँ व्रत का स्वल्पाहार लेने के तुरंत बाद एक दर्जन से अधिक लोगों की तबियत बिगड़ गई, जिनमें से एक ही परिवार के पांच सदस्यों को उल्टियां आने लगीं। लगातार उल्टियां आने से पहले वे बड़ामलहरा के अस्पताल पहुंचे, जहां प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें जिला अस्पताल भेज दिया गया जहां उनका इलाज चल रहा है।
संतोष ने बताया कि नवरात्रि के पहले दिन सभी लोग व्रत में थे, जहां सिंघाड़े के आटे का हलवा बनाया और सभी लोगों ने उसे खाया लेकिन थोड़ी देर में ही उन्हें उल्टियां होने लगीं। जिन लोगों को फूड प्वाईजिनिंग हुई उनमें प्रभा शर्मा, पार्वती शर्मा, पूनम शर्मा, आदित्य शर्मा एवं दक्ष शर्मा शामिल हैं। सभी पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाया गया। वर्तमान में फूड पॉयजनिंग के शिकार पांच सदस्य जिला अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। यहां उनकी हालत स्थिर है।
भरत लाल ने बताया कि अधिकतर ने आटा बड़ामलहरा में चक्रेश जैन की दुकान से लिया था, बाकी अन्य ने अलग दुकान से लिया था। आटे में ही खराबी रही होगी। दरअसल नव दुर्गा व्रत लगातार 9 दिनों तक रहते हैं तो दुकानदार त्यौहार पर आटा बल्क में खरीदते हैं और थोक वाले इसे भारी मात्रा में पहले से स्टॉक करके रख लेते हैं, जिससे गुणवत्ता में कमी और मिलावटखोरी के चलते फूड पॉयजनिंग हुई होगी।
तहसीलदार अभिनव शर्मा जिला अस्पताल में कौड़ी (सिंघाड़े) का आटा खाने से बीमार हुए मरीजों से मिलने पहुंचे। जहां उन्होंने बीमार मरीजों का हाल जाना। बीमार हुए मरीजों से पूछ-ताछ की और सभी के नाम पूछे और लिखे साथ ही उन्होंने जिस दुकान से आटा लिया उसका नाम और जानकारी भी ली।
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