भारत के उद्योग पर लगी टैरिफ वॉर की चोट! फरवरी में औद्योगिक उत्पादन 6 महीने में सबसे कम, किस सेक्टर पर ज्यादा असर

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Industrial Growth Rate : ट्रंप के टैरिफ वॉर के ऐलान का सीधा असर भारतीय उद्योग जगत पर दिखा है. एनएसओ ने आंकड़े जारी कर बताया कि देश का औद्योगिक उत्पादन फरवरी महीने में गिरकर 6 महीने के निचले स्तर पर चला गया.
भारत के औद्योगिक उत्पादन पर टैरिफ का बड़ा असर दिखा है.
हाइलाइट्स
- फरवरी में औद्योगिक उत्पादन 6 महीने के निचले स्तर पर.
- खनन, विनिर्माण और बिजली क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा असर.
- औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर 2.9% रही.
नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को कुर्सी संभालने के तत्काल बाद दुनिया पर टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया था. इसका सीधा असर भारत के उद्योगों पर भी दिखा और फरवरी में ही भारत का औद्योगिक उत्पादन नीचे आ गया. ग्लोबल मार्केट से ऑर्डर में कमी की वजह से उत्पादन घटकर 6 महीने के निचले स्तर पर चला गया. सबसे ज्यादा असर तो खनन क्षेत्र पर पड़ा है.
सरकार ने शु्क्रवार को आंकड़े जारी कर बताया कि देश के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर इस साल फरवरी में सुस्त पड़ गई और ग्रोथ रेट 2.9 फीसदी के साथ छह महीने के निचले स्तर पर आ गई. सबसे ज्यादा असर विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों पर पड़ा है. इन सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि इतनी सुस्त पड़ी है.
पिछले साल कितना था ग्रोथ
आंकड़े बताते हैं कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापे जाने वाले औद्योगिक उत्पादन में फरवरी 2024 में 5.6 फीसदी की वृद्धि हुई थी. सरकार ने जनवरी 2025 के लिए औद्योगिक वृद्धि के आंकड़े को भी संशोधित कर 5.2 फीसदी कर दिया है. मार्च में जारी आंकड़ों में इसके 5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था. अब इसमें 0.20 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है.
अगस्त में शून्य थी ग्रोथ
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालाय (एनएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले औद्योगिक उत्पादन का निचला स्तर पिछले साल अगस्त में रहा था. उस समय वृद्धि दर शून्य फीसदी पर पहुंच गई थी. विनिर्माण क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि फरवरी 2025 में सुस्त पड़कर 2.9 फीसदी रही, जो एक साल पहले इसी महीने में 4.9 फीसदी थी.
इस सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर
एनएसओ ने बताया कि फरवरी में सबसे ज्यादा खनन सेक्टर पर हुआ, जहां उत्पादन की वृद्धि दर गिरकर 1.6 फीसदी रही. एक साल पहले यानी 2024 के फरवरी महीने में यह ग्रोथ रेट 8.1 फीसदी थी. इसी तरह, फरवरी 2025 में बिजली उत्पादन की वृद्धि भी धीमी होकर 3.6 फीसदी रही, जो एक साल पहले इसी महीने में एक साल पहले 7.6 फीसदी थी. इस तरह, वित्तवर्ष 2024-25 में अप्रैल-फरवरी के दौरान आईआईपी में 4.1 फीसदी की वृद्धि हुई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 6.0 फीसदी थी.
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