हथियार तस्करो की मुख्य मंडी बनता जा रहा है छतरपुर जिला

– पिछले 5 साल, दिन 1825 और आर्म्स एक्ट के 2463 मामले दर्ज
– आखिर राजदारों को क्यों नहीं पकड़ती पुलिस
(धीरज चतुर्वेदी छतरपुर बुंदेलखंड)
आंकड़े चौकाने वाले जो छतरपुर जिले को अवैध असलाहो की राष्ट्रीय स्तर पर मंडी घोषित करने के लिये पर्याप्त है। छतरपुर जिले में पिछले 5 साल के 1825 दिनों में 2463 आर्म्स एक्ट के अपराध दर्ज हुए। चौकाने वाला एक ओर कटु सच इन दर्ज मामलो में छुपा है कि अवैध असलाहधारी तो पकडे गये पर राजदार यानि अवैध शस्त्रों के मुख्य सरगनाओ को पकड़ने में पुलिस ने कोई कोशिश नहीं की। इस तरह के मामलो में छतरपुर जिले के नवागत एसपी अमित सांघी ने कहा है कि यह मामले गंभीर है जिनकी जड़ तक पहुंचने का प्रयास किया जायेगा।
हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने सराय काले खां के पास दविश देकर दो युवकों के पास से एक दर्जन पिस्टल बरामद की। अवैध हथियार की यह खेप एक अपराधिक गैंग को आपूर्ति होनी थी। चौकाने वाला है कि दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पकड़ में आये दोनों युवक मध्यप्रदेश के छतरपुर शहर के निवासी है। जिनकी पहचान पहचान मोहम्मद अजीज और अरशद खान के रूप में हुई है। यह युवक कुख्यात हाशिम गैंग को हथियार देने गये थे। जो कई सालो से नामी गिरोहो को अवैध शस्त्रों की आपूर्ति कर रहे थे। देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मामले के छतरपुर जिले से तार जुड़ना संवेदनशील है। छतरपुर जिला अवैध शस्त्रों की तस्करी को लेकर पहले से कुख्यात रहा है। किसी से छुपा नहीं कि आपराधिक वारदातो में इन्ही अवैध असलाहो का उपयोग होता रहा है। अवैध शस्त्रधारियों को पकड़ा भी गया है लेकिन पुलिस ने मुख्य तस्करो तक पहुंचने की कोशिश नहीं की। आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2018 से 2022 तक पांच साल के 1825 दिनों में छतरपुर के विभिन्न थानो में 2463 आर्म्स एक्ट के तहत मामले दर्ज हुए। वर्ष 2018 में सबसे अधिक 600 अपराध पंजीबद्ध हुए। 2019 में 345, 2020 में 445, 2021 में 481 और 2022 में 552 अवैध असलाहधारी पकडे गये। पुलिस रोजनामचो में दर्ज मामले तो बेहतर दर्शाते है लेकिन पुलिस ने अवैध शस्त्रधारी को पकड़ कानूनी खानापूर्ति कर दी। उन लोगो तक पहुंचने की कोशिश नहीं जो हथियारों के मुख्य तस्कर है। इस चेन के नहीं टूटने का नतीजा है कि अवैध शस्त्र तस्कर अपना दायरा देशव्यापी बना रहे है।