Myanmar Earthquake Death: म्यांमार में भूकंप की विनाशलीला! 1700 से ज्यादा मौतें, मांडले में लाशों से दहशत

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Myanmar Earthquake News: म्यांमार के मांडले में 7.7 तीव्रता के भूकंप से 1710 लोगों की मौत, 5000 से अधिक घायल और 4000 लापता हैं. सड़कों के टूटने की वजह से राहत कार्य में परेशानी आ रही है, लोग हाथों से मलबा हटा र…और पढ़ें
हाथों और फावड़ों से मलबों में जीवित बचे लोगों की तलाश हो रही है. (एएफपी)
हाइलाइट्स
- म्यांमार में 7.7 तीव्रता के भूकंप से 1710 मौतें.
- भूकंप के बाद 5000 से अधिक घायल, 4000 लापता.
- ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भारत ने म्यांमार को भेजी मदद.
मांडले. म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले की सड़कों पर पड़े शवों से अब भयानक दुर्गंध फैलनी शुरू हो गई है और उधर लोग अब भी अपने परिजनों की खोज में हाथों से मलबा हटाने में जुटे हुए हैं. दो दिन पहले आए विनाशकारी भूकंप में 1700 से अधिक लोगों की मौत हो गई और अनगिनत लोग जगह-जगह मलबे में दब गए. म्यांमार में मरने वालों की संख्या 1710 पहुंच गई है, जबकि 5000 से अधिक घायल है और लगभग 4000 लापता बताए जा रहे हैं.
शुक्रवार दोपहर को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप का केंद्र मांडले के पास था. इस भयानक भूकंप से कई इमारतें ढह गईं और शहर के हवाई अड्डे जैसे अन्य बुनियादी ढांचों को भारी नुकसान पहुंचा. टूटी हुई सड़कें, गिरे हुए पुल, कम्युनिकेशन-सिस्टम में गड़बड़ी और गृहयुद्ध के बीच देश में काम करने की चुनौतियों के कारण राहत कार्य बाधित हुए हैं.
स्थानीय लोग बिना भारी उपकरणों की मदद के जीवित बचे लोगों की तलाश में जुटे हैं और 41 डिग्री सेल्सियस की गर्मी में हाथों और फावड़ों से मलबा हटाने को मजबूर हैं. रविवार दोपहर को आए 5.1 तीव्रता के झटकों के बाद सड़कों पर मौजूद लोगों में चीख-पुकार मच गई. हालांकि थोड़ी देर बाद फिर से काम शुरू हो गया.
मांडले में रहने वाले 15 लाख लोगों में से कई लोगों ने रात सड़कों पर बिताई. बहुत से लोग भूकंप के कारण बेघर हो गए हैं. भूकंप ने पड़ोसी देश थाईलैंड को भी हिलाकर रख दिया और वहां कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई. मांडले के स्थानीय लोगों को इस बात की चिंता है कि लगातार आने वाले झटकों के कारण अस्थिर इमारतें ढह सकती हैं.
म्यांमा में ‘कैथोलिक रिलीफ सर्विसेज’ की यांगून इकाई के प्रबंधक कैरा ब्रैग ने बताया कि अब तक म्यांमा में 1,644 लोगों की मौत हो चुकी है और 3,408 लोग घायल हुए हैं. उन्होंने बताया कि कई क्षेत्रों में अब तक बचाव कार्य नहीं हो पाया है और अब तक कई इलाकों में लोग हाथों से मलबा हटाने में लगे हैं.
म्यांमार में विदेशी मदद पहुंचनी शुरू
म्यांमार में विदेशी सहायता पहुंचना शुरू हो गई है. दो भारतीय सी-17 सैन्य परिवहन विमान शनिवार देर रात नेपीताव में उतरे, जिसमें सेना का एक मेडिकल टीम और कुछ 120 कर्मी सवार थे. म्यांमार के विदेश मंत्रालय के अनुसार, ये भारतीय दल 60 बिस्तरों वाला आपातकालीन उपचार केंद्र बनाने के लिए उत्तर मांडले पहुंचेंगे. भारत की ओर से अन्य सहायता म्यांमार के सबसे बड़े शहर यांगून भी पहुंच गई है. यांगून अन्य देशों द्वारा भेजी जा रही सहायता का केंद्र है.
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