घर की चौखट से बिजनेस तक! इस महिला ने स्टॉर्टअप शुरू कर बनाई अपनी पहचान! जानिए कैसे?

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अंबाला की गीता ने आर्थिक तंगी के बावजूद हार नहीं मानी और घर पर पापड़ बनाने का काम शुरू किया. पिछले 10 सालों से इसी से अपनी बेटियों की पढ़ाई और घर का खर्च चला रही हैं. उन्होंने अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने…और पढ़ें
इस महिला का स्टार्टअप देखकर आप भी हो जाएंगे हैरान, इस तरीके से परिवार का उठा रही
हाइलाइट्स
- अंबाला की गीता ने अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए घर पर पापड़ बनाने का काम शुरू किया.
- पिछले 10 सालों से इसी से अपनी बेटियों की पढ़ाई और घर का खर्च चला रही हैं.
- उन्होंने अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया.
अंबाला: समाज कितना भी आगे बढ़ जाए, लेकिन आज भी कई महिलाएं ऐसी हैं जो अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत नहीं कर पातीं और अपने सपनों को अधूरा छोड़ देती हैं. कई महिलाएं घरेलू ज़िम्मेदारियों में उलझ जाती हैं. वहीं, अंबाला की गीता ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने अपने पैरों पर खड़े होने का फैसला किया और अपने बच्चों की ज़िम्मेदारी खुद उठाई.
पापड़ बनाने का काम शुरू किया
गीता का मानना है कि पैसों के बिना आज के समय में कुछ भी मुमकिन नहीं है. जब परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई और बेटियों की पढ़ाई की चिंता सताने लगी, तो उन्होंने घर पर ही पापड़ बनाने का काम शुरू किया. गीता रोज़ाना फैक्ट्री से आटा लेकर आती हैं और लिज्जत पापड़ बनाती हैं. फिर इन्हें सुखाकर वापस फैक्ट्री में भेज देती हैं. इस काम से उन्हें अच्छी आमदनी हो जाती है, जिससे वह अपने परिवार का खर्चा चलाती हैं और बेटियों की पढ़ाई का ख़र्च उठाती हैं.
10 साल से कर रहीं मेहनत
जब लोकल 18 ने गीता से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वह लगभग 10 सालों से यह काम कर रही हैं. इस काम से उन्हें घर बैठे एक स्थिर आय प्राप्त होती है और अब उनकी ज़िंदगी पहले से कहीं बेहतर हो चुकी है.
गीता का कहना है कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, तो दूसरी महिलाओं को भी घर बैठे काम करने के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने यह काम शुरू किया था, तो कई लोगों ने ताने मारे, लेकिन आज वही लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं.
घर बैठे कर रही हैं अच्छी कमाई
गीता का कहना है कि अगर कोई महिला घर से बाहर जाकर काम नहीं कर सकती, तो भी वह घर पर रहकर कोई ऐसा काम कर सकती है जिससे उसकी आमदनी हो. पापड़ बनाने का यह काम उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहा है और आज वह अपने पैरों पर खड़ी होकर आत्मनिर्भर बनी हैं.
गीता दूसरी महिलाओं को भी प्रेरित करते हुए कहती हैं कि खुद को कभी कमजोर मत समझो. अगर कोई हुनर है तो उसे निखारो और घर से ही कुछ ऐसा शुरू करो जिससे अच्छी कमाई हो सके. उनका सपना है कि वह अपनी बेटियों को पढ़ा-लिखाकर आत्मनिर्भर बनाए, ताकि उन्हें कभी किसी पर निर्भर न रहना पड़े.
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