अजब गजब

‘गलत मिले तो मेरे मंत्रालय को भी नहीं बख्शे मीडिया’, नितिन गडकरी के बेबाक बोल

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नितिन गडकरी

नागपुर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपने बेबाक बोल के लिए जाने जाते हैं। एक बार फिर उन्होंने नागपुर में मीडिया को लेकर अपने विचार रखे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर मीडिया को मेरे मंत्रालय में कुछ गलत मिले तो उसे भी नहीं बख्शे। उन्होंने रविवार को कहा कि समाज में बदलाव लाना सभी की जिम्मेदारी है, जिसमें समाचार पत्रों और मीडिया भी शामिल है। एक मीडिया समूह की ओर से आयोजित ‘नागपुर हीरोज’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने मीडिया से कहा कि अगर उन्हें उनके मंत्रालय में कोई गड़बड़ी नजर आए तो वे उसकी कड़ी निंदा करें।

सकारात्मक चीजों की सराहना करनी चाहिए

गडकरी इस बात पर जोर दिया कि मीडिया को गलत चीजों की निंदा करनी चाहिए और सकारात्मक चीजों की सराहना करनी चाहिए। गडकरी ने कहा, ‘‘मान्यता और सम्मान आपके व्यक्तित्व से नहीं, बल्कि आपके चरित्र और गुणों से मिलता है। आजकल अच्छा काम करने के बाद आपको कोई नहीं पूछता। कई बार अच्छी खबरें प्रकाशित नहीं होतीं और गलत चीजें प्रमुखता से जगह बना लेती हैं।’’ 

उन्होंने  कहा, ‘‘समाज का परिवर्तन समाचार पत्रों और मीडिया सहित सभी की जिम्मेदारी है। अच्छी चीजों को समाज के सामने लाया जाना चाहिए, साथ ही जो गलत है उसके बारे में जागरूकता भी होनी चाहिए।’’ गडकरी ने कहा कि अगर कोई ठेकेदार अनियमितता में लिप्त पाया गया तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा और अगर कोई ‘टोल ऑपरेटर’ इस तरह संलिप्त मिला तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। 

जो करेगा जात की बात, उसको कसके मारूंगा लात

हाल में 16 मार्च को उन्होंने जाति आधारित राजनीति के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति के साथ जाति, धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। नागपुर स्थित ‘सेंट्रल इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस’ में शनिवार को आयोजित दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जो करेगा जात की बात, उसको कसके मारूंगा लात’’।

गडकरी (67) ने कहा कि उनका मानना ​​है कि कोई भी व्यक्ति अपनी जाति, धर्म, भाषा या पंथ के कारण बड़ा नहीं होता बल्कि वह अपने गुणों के कारण बड़ा होता है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हम किसी के साथ उसकी जाति, धर्म, लिंग या भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं।’’ गडकरी ने कहा, ‘‘मैं राजनीति में हूं और बहुत सी चीजें होती हैं लेकिन मैं अपने तरीके से चलता हूं। अगर कोई मुझे वोट देना चाहता है तो दे सकता है और अगर कोई नहीं देना चाहता तो वह ऐसा करने के लिए भी स्वतंत्र है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे दोस्त मुझसे पूछते हैं कि तुमने ऐसा क्यों कहा या ऐसा रुख क्यों अपनाया। मैं उनसे कहता हूं कि चुनाव हारने से कोई खत्म नहीं हो जाता। मैं अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करूंगा और निजी जीवन में उनका पालन करता रहूंगा।’’ गडकरी ने समाज और देश के विकास के लिए शिक्षा के महत्व पर भी जोर दिया। 

उन्होंने कहा कि कई वर्ष पहले जब वह विधायक थे तो उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक मुस्लिम शिक्षण संस्थान को इंजीनियरिंग कॉलेज दिलाने में मदद की थी। गडकरी ने बताया कि उनके इस फैसले पर सवाल खड़े किए गए। उन्होंने कहा, “जिस वर्ग को शिक्षा की सबसे अधिक आवश्यकता है वह मुस्लिम समुदाय है।’’ गडकरी ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के शब्दों को दुनिया के हर व्यक्ति ने सुना है। उन्होंने कहा, ‘‘जब कोई व्यक्ति अपनी जाति, धर्म, लिंग या भाषा से ऊपर उठ जाता है तो वह महान बन जाता है। (इनपुट-भाषा)




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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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