मध्यप्रदेश

Employment assistant accused of arbitrariness and caste discrimination | रोजगार सहायक पर मनमानी और जातिगत भेदभाव का आरोप: पूर्व पटवारी पर जमीन रिकॉर्ड में हेराफेरी की शिकायत; जनसुनवाई में की शिकायत – Chhatarpur (MP) News

ग्राम पंचायत बारी के ग्रामीणों ने रोजगार सहायक पर लगाए आरोप।

छतरपुर जिले में मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में ग्रामीणों ने अलग-अलग मामलों को लेकर अपनी समस्या कलेक्टर के सामने रखीं। जनपद की ग्राम पंचायत बारी के परेशान ग्रामीणों ने रोजगार सहायक की कार्यप्रणाली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसमें मनमानी और जातिगत भेद

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ग्रामीणों ने रोजगार सहायक पर लगाए आरोप

जनसुनवाई में पहुंचे ग्राम पंचायत बारी के ग्रामीणों ने रोजगार सहायक गजराज सिंह बुंदेला की कार्यशैली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कलेक्टर को एक शिकायती आवेदन सौंपा। ग्रामीणों का आरोप है कि रोजगार सहायक न तो सरपंच की बात सुनते हैं और न ही ग्रामीणों के किसी काम को समय पर करते हैं। शिकायत में कहा गया है कि रोजगार सहायक पंचायत कार्यालय में नियमित रूप से बैठने की बजाय अपने घर से ही काम करते हैं, जिससे ग्रामीणों को अपने जरूरी कामों के लिए भटकना पड़ता है।

ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि रोजगार सहायक शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर लोगों से पैसों की मांग करते हैं। लाल दीवान यादव नामक ग्रामीण ने आरोप लगाया कि गजराज सिंह लोगों के साथ जातिगत भेदभावपूर्ण व्यवहार करते हैं। इसी तरह, अशोक अहिरवार ने बताया कि जब वह आवास योजना में अपना नाम जुड़वाने के लिए रोजगार सहायक के पास गए थे, तो चप्पल पहनकर जाने पर गजराज सिंह ने उनके साथ गाली-गलौज की। पंकज पाल नामक ग्रामीण ने आरोप लगाया कि गजराज सिंह और करण सिंह नामक दबंग मिलकर उनके परिवार को गांव और समाज से वंचित करने का प्रयास कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कलेक्टर से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर रोजगार सहायक के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है।

महिला ने पूर्व पटवारी पर जमीन रिकॉर्ड में हेराफेरी का आरोप लगाया

जनसुनवाई में एक अन्य मामले में रामक्रांति कुशवाहा नामक एक मजदूर महिला ने कलेक्टर के समक्ष पेश होकर पूर्व पटवारी दरवारी लाल अहिरवार पर गंभीर आरोप लगाए। रामक्रांति का कहना है कि पूर्व पटवारी ने भू-माफियाओं से मिलीभगत कर उनकी पुश्तैनी जमीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी की है। पीड़िता ने बताया कि उनकी जमीन खसरा नंबर 1256/2/1 में दर्ज है, जिसका रकबा 0.0167 हेक्टेयर है। उनका आरोप है कि पूर्व पटवारी दरवारी लाल अहिरवार ने कंप्यूटर नक्शे में खसरा नंबर 1256/1 के रकबे को बढ़ा दिया है, जबकि खसरा नंबर 1256/2 का नक्शा 0.075 आरे कम कर दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि पटवारी के रिकॉर्ड में दोनों नक्शे अभी भी बराबर दर्शाए जा रहे हैं।

महिला का पति राजाराम कुशवाहा हृदय रोग से पीड़ित हैं।

पीड़िता रामक्रांति ने बताया कि उनके पति राजाराम कुशवाहा हृदय रोग से पीड़ित हैं और वह स्वयं मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व पटवारी दरवारी लाल अहिरवार ने कई बार उन पर अपनी जमीन बेचने का दबाव बनाया। जब उन्होंने जमीन बेचने से इनकार कर दिया, तो पटवारी ने भू-माफियाओं से मिलकर उनके जमीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी कर दी। रामक्रांति ने कलेक्टर से गुहार लगाते हुए कहा कि पूर्व पटवारी ने भू-माफियाओं से मोटी रकम लेकर यह काम किया है। उन्होंने कलेक्टर से इस पूरे मामले की गहन जांच कराकर दोषी पूर्व पटवारी और भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि उन्हें उनकी जमीन वापस मिल सके और उन्हें न्याय मिल सके। कलेक्टर ने दोनों ही मामलों में शिकायतकर्ताओं को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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