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Chandra Grahan 2023: पुष्कर में 28 अक्टूबर को बंद रहेंगे सभी मंदिर, नहीं होगी आरती, जानें कब लगेगा सूतक काल

अजमेर. राजस्थान की तीर्थ नगरी पुष्कर में आश्विन मास की शरद पूर्णिमा के मौके पर 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण रहेगा. ग्रहण का सूतक शाम 4.05 बजे शुरू होगा. इसी के साथ जगत पिता ब्रह्मा मंदिर सहित तीर्थ नगरी के सभी मंदिर सूतक लगने से पहले ही बंद हो जाएंगे. इस वजह से मंदिरों में न तो संध्या आरती होगी और न ही शयन आरती होगी. सभी मंदिर दूसरे दिन सुबह ग्रहण के शुद्धिकरण के बाद मंगलाआरती के दौरान खोले जाएंगे.

ब्रह्मा मंदिर के पुजारी लक्ष्मीनिवास वशिष्ठ ने बताया कि 28 अक्टूबर को भारत में चंद्र ग्रहण दृश्यमान रहेगा. ग्रहण का सूतक शाम 4.05 बजे लगेगा. सूतक लगने से पहले निज गर्भगृह और मंदिर का मुख्य द्वार बंद कर दिया जाएगा.

29 अक्टूबर को होगा शुद्धि स्नान

ब्रह्मा मंदिर के पुजारी लक्ष्मीनिवास वशिष्ठ ने बताया कि ग्रहण की शुद्धि मध्यरात्रि 2.53 बजे होगी, लेकिन मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए 29 अक्टूबर की सुबह 5.30 बजे मंगला आरती के दौरान खुलेगा. पुष्कर सरोवर में चंद्र ग्रहण का शुद्धि स्नान 29 अक्टूबर को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में होगा. ग्रहण काल के दौरान श्रद्धालु घाटों पर भजन कीर्तन करेंगे. तीर्थयात्री अलसुबह से ही सरोवर में स्नान के बाद मंदिरों के दर्शन करेंगे.

28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण लगने की घटना को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के दिन लग रहा है. धार्मिक दृष्टि से ग्रहण वैसे भी खास माना जा रहा है, क्योंकि साल 2023 में चार ग्रहण में से पूर्णिमा तिथि पर लगने वाला यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा. जिसका सूतक काल भी मान्य होगा. धार्मिक मान्यता के मुताबिक ग्रहण लगने की घटना का प्रभाव देश दुनिया समेत सभी लोगों पर पड़ता है.

ये भी पढ़ें: शरद पूर्णिमा के दिन आसमान से बरसेगा अमृत, क्या इस दिन खा सकते हैं खीर? अयोध्या के ज्योतिष से जानें

अयोध्या के ज्योतिष बताते हैं कि शरद पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को है. चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा से निकलने वाली किरणें ज्योतिष गणना के मुताबिक हानिकारक मानी जाती है. लेकिन शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रोशनी का सनातन धर्म को मानने वाले लोग इंतजार करते हैं. इसके साथ ही शरद पूर्णिमा की रात निशिता काल में मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है लेकिन शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगने से चंद्रमा की रोशनी में रखी गई खीर नहीं खाई जाएगी.

Tags: Ajmer news, Chandra Grahan, Rajasthan news


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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