“_id”:”67b42b14ae8aba8325058fc0″,”slug”:”shivpuri-parivar-ke-sath-cyber-thagi-shivpuri-news-c-1-1-noi1380-2639832-2025-02-18″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Shivpuri: साइबर ठग गरीबों को भी बना रहे निशाना, पेंसिल पैकिंग के काम का झांसा देकर मजदूर की बेटी से ठगे 7650″,”category”:”title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”
करैरा थाना फाइल फोटो
विस्तार
शिवपुरी जिले के करैरा में मजदूरी का काम करने वाले एक परिवार के साथ साइबर ठगी का मामला सामने आया है। साइबर ठगों ने मजदूरी करने वाले परिवार की बेटी को पेंसिल पैकिंग का कामकाज देने का लालच देकर फंसाया और उसे हर महीने 30 से 35 हजार रुपए कमाने का वादा किया। साइबर ठगों ने मजदूरी करने वाले परिवार की बेटी से फोन-पे के जरिए 7650 रुपए ठग लिए। अब पीड़िता की मां ने इस मामले में करैरा थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
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बताया जाता है कि करैरा के वार्ड 9, न्यू कॉलोनी निवासी पुष्पा पत्नी धर्मेंद्र कर्ण ने पुलिस थाने में शिकायत की है। पुष्पा का कहना है कि उनके पति धर्मेंद्र कर्ण मजदूरी करते हैं। 15 फरवरी को उनके मोबाइल पर अज्ञात नंबर 8109311695 से कॉल आई, जिसमें एक व्यक्ति ने उनकी बेटी पूजा को बताया कि वह घर बैठे हिंदुस्तान पेंसिल प्राइवेट लिमिटेड में पेंसिल पैकिंग का काम कर सकती है और महीने में 30-35 हजार रुपये तक कमा सकती है।
क्यूआर कोड के माध्यम से लिया पैसा
इस मामले में पूजा साइबर ठग के झांसे में आ गई और पहली किस्त के रूप में 600 रुपये फोन पे करके भेजे। 17 फरवरी को फिर से ठग का कॉल आया, जिसमें कहा गया कि उनका पार्सल सिल्लारपुर तिराहे पर पहुंच चुका है और पार्सल लेने के लिए पूजा को 7050 रुपए और भेजना होंगे। पूजा ने दो बार में 3550 रुपए और 3500 रुपए क्यूआर कोड के माध्यम से भेज दिए। जब पूजा तिराहे पर पहुंचीं तो वहां कोई नहीं मिला। काफी देर इंतजार करने के बाद जब उस नंबर पर कॉल किया गया, तो फोन स्विच ऑफ आ रहा था। इसके बाद पूजा घर लौट आई और अपने परिवार को पूरी बात बताई, जिससे ठगी का पता चला।
पुलिस ने जांच में जुटी
पीड़िता की मां ने इस मामले में करैरा थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है और कार्रवाई करने की बात कही है। वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो इस समय साइबर ठग अब मजदूर और आदिवासी समुदाय के लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। वैसे देखा जाए तो पुलिस विभाग ने साइबर ठगी रोकने के लिए शहरी व ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान भी चलाया है, लेकिन इसके बाद भी साइबर ठगी के मामले रुक नहीं रहे हैं।