“_id”:”67ac37ff31fa3cff2000ec02″,”slug”:”dip-of-faith-in-shipra-on-maghi-purnima-holi-sticks-will-be-buried-at-hundreds-of-places-today-ujjain-news-c-1-1-noi1228-2619207-2025-02-12″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Ujjain News: माघी पूर्णिमा पर शिप्रा में लगी आस्था की डुबकी, आज सैकड़ों स्थान पर गाड़ा जाएगा होली का डांडा”,”category”:”title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”
शिप्रा में लगी आस्था की डुबकी।
विस्तार
माघी पूर्णिमा पर उज्जैन में मोक्षदायिनी शिप्रा में अलसुबह से पवित्र स्नान हुआ। बड़ी तादाद में श्रद्धालु शिप्रा में आस्था की डुबकी लगाकर दान करते हुए पुण्य अर्जित करते नजर आए। वहीं, आज बुधवार को शुभ मुहूर्त में होली का डांडा भी रोपा जाएगा, जिससे होली उत्सव की शुरुआत हो जाएगी। जगह-जगह फाग उत्सव मनाया जाएगा।
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दरअसल, माघ मास में स्नान का विशेष महत्व होता है। इस दौरान भक्त एक माह तक कल्पवास एवं तीर्थ स्नान करते हैं। माघी पूर्णिमा पर एक माह तक चलने वाले माघ स्नान का समापन हो जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु पूरे माह स्नान नहीं कर पाए, वे माघी पूर्णिमा पर स्नान कर पुण्य अर्जित कर सकते हैं। इसके चलते रामघाट पर आस्थावानों की भारी भीड़ देखी गई। श्रद्धालुओं ने दान और देव दर्शन भी किए।
ज्योतिषाचार्य पं. चंदन श्यामनारायण व्यास के अनुसार, उज्जैन की पवित्र शिप्रा नदी में माघ पूर्णिमा पर स्नान का विशेष महत्व है।
माघ मास की पूर्णिमा अश्लेषा नक्षत्र और शोभन योग में आने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन स्नान, दान और पितृ पूजा का विशेष महत्व है। इस बार का योग विशेष है क्योंकि, सौभाग्य योग के स्वामी ब्रह्मा और शोभन योग के अधिपति बृहस्पति हैं। जो श्रद्धालु माघ मास में स्नान नहीं कर पाए, वे आज के दिन स्नान कर पूरे माघ मास का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
होली उत्सव की शुरुआत
माघ पूर्णिमा पर होली का डांडा गाड़ने की परंपरा है, जो होली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। विभिन्न क्षेत्रों में शुभ, लाभ और अमृत के चौघड़िया में होली के डांडे और गड्ढे का पूजन किया जाएगा। युवतियां और महिलाएं गाय के गोबर से भरगोलिए बनाती हैं। इन्हें धूप में सुखाकर माला तैयार की जाती है। होलिका दहन वाले दिन पूजन के दौरान यह अर्पित की जाती है। मान्यता है कि इससे नकारात्मकता समाप्त होकर घर में सुख-समृद्धि आती है। माघी पूर्णिमा से फाल्गुन पूर्णिमा तक एक माह तक होली की तैयारियों का उमंग और उल्लासपूर्ण वातावरण बना रहता है।