Scam on the lines of Vyapam | व्यापमं की तर्ज पर घोटाला: आयुष कॉलेजों में 1292 अपात्रों को प्रवेश; 7 अफसर दोषी, कार्रवाई जीरो – Bhopal News

2016-17, 2017-18 में सेंट्रलाइज्ड काउंसिलिंग और फिर नीट की अनिवार्यता के बावजूद निजी कॉलेजों में फर्जीवाड़ा
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व्यापमं घोटाले की तर्ज पर मप्र में आयुष कॉलेजों में अपात्र छात्रों को एडमिशन देने का मामला सामने आया है। खास बात यह है इस घोटाले की जांच हुई, रिपोर्ट भी सबमिट हुई। इसमें 7 अधिकारी अपात्र छात्रों को बैकडोर एंट्री देने के मामले में समान रूप से दोषी भी पाए गए। इसके बावजूद विभाग ने सिर्फ डॉ. शोभना शुक्ला व एक अन्य अफसर पर कार्रवाई कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। 2020 में इस मामले की शिकायत हुई थी और 2021 में आयुष संचालनालय ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई। कमेटी ने रिपोर्ट 2023 में सबमिट की।
इसके बाद 2 लोगों पर कार्रवाई हुई, वहीं 5 पर कोई एक्शन नहीं हुआ। लीपापोती के लिए अगस्त 2024 में विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए। इन अधिकारियों पर आरोप है कि नियमविरुद्ध प्रवेश सूची का सत्यापन किया और विश्वविद्यालय को भेजा, जिससे बड़ी संख्या में अपात्र छात्रों को आयुष कॉलेजों में प्रवेश मिल गया।
मिलीभगत से दिया घोटाले को अंजाम…
जांच कमेटी की पड़ताल में पता चला कि आयुष संचालनालय और मेडिकल विवि के अधिकारियों की मिलीभगत से 2016 से 2018 तक आयुष कॉलेजों में 1292 अपात्र छात्रों को एडमिशन दिए गए। 2016 और 2017 में निजी आयुष कॉलेज एमपी ऑनलाइन की काउंसिलिंग में शामिल नहीं हुए थे। फिर भी उन्होंने अवैध तरीके से 1120 छात्रों को प्रवेश दे दिया। वर्ष 2018-19 में नीट परीक्षा अनिवार्य होने के बावजूद निजी आयुष कॉलेजों ने गलत तरीके से छात्रों को आयुर्वेद होम्योपैथी और यूनानी के निजी कॉलेजों में सीधे प्रवेश दे दिया।
कक्ष प्रभारियों ने काउंसिलिंग की सूची मिलान करके भेजी थी
आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर से काउंसिलिंग की सूची भेजी गई थी। कक्ष प्रभारियों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन काउंसिलिंग की सूची मिलान करके समिति के पास भेज दी थी। समिति के अप्रूवल के बाद तत्कालीन आयुष मंत्रियों की नोटशीट पर दी गई सिफारिश के आधार पर आयुक्तों ने एडमिशन की सूची पर अंतिम हस्ताक्षर किए हैं।
वंदना बोराना 10 साल से संचालनालय में
वंदना बोराना पिछले 10 वर्षो से जूनियर होकर भी संचालनालय में पदस्थ हैं। घोटाले के बाद भी इनके पास स्थापना जैसी महत्वपूर्ण शाखा तथा प्राइवेट कॉलेज का प्रभार भी इनके पास है। जबकि अन्य सभी आरोपी अफसर मुख्यालय से बाहर हैं।
इन्हें बनाया गया था आरोपी
- डॉ. शोभना शुक्ला, प्रोफेसर, शासकीय स्वशासी होम्योपैथी महाविद्यालय, भोपाल
- डॉ. वंदना बोराना, सहायक संचालक संचालनालय आयुष भोपाल {डॉ. एसए नईम विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी संचालनालय आयुष
- डॉ. एसपी वर्मा प्र. संभागीय आयुष अधिकारी भोपाल
- डॉ. नीतू कुशवाह प्रोफेसर, शासकीय स्वशासी होम्योपैथी महाविद्यालय भोपाल
- डॉ. अंतिम नलवाया जिला आयुष अधिकारी, भोपाल
- डॉ. प्रवीण जायसवाल, प्रोफेसर, शासकीय स्वशासी होम्योपैथी महाविद्यालय भोपाल
प्रकरण मेरे संज्ञान में है। मामले में कार्रवाई अभी प्रचलन में है। सभी की विभागीय जांच शासन स्तर से शुरू की गई है। शासन के निर्देश पर आगे कार्रवाई की जाएगी। –डॉ. सलोनी सिडाना, आयुक्त, आयुष विभाग
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