Post master absconded with FD and Sukanya’s money | पोस्टमैन पासबुक में खुद लिखता था अमाउंट: खाते में लाखों जमा किए पर रिकॉर्ड में जीरो; चेक बाउंस हुआ तो पता चला धोखाधड़ी हुई – Khandwa News

आरोपी पोस्टमैन सुनील खेड़े जब-जब खाते से पैसे का लेनदेन होता, उसका हिसाब-किताब अपने हाथों से लिख देता था।
खंडवा के ग्राम सुलगांव का पोस्टमैन- सुनील खेड़े…जो धोखाधड़ी के मामले में फरार चल रहा है। उस पर अभी तक आठ FIR हो चुकी हैं और कई लोगों ने आवेदन दे रखा है। बता दें कि, पोस्टमैन सुनील ने डाक बांटते-बांटते 10 सालों में कई गांव वालों की एफडी, सुकन्या समेत
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गांव वाले भी इस भरोसे में थे कि पोस्ट ऑफिस तो सरकारी है। इसलिए वो पोस्टमैन वह सुनील काे रुपए दे देते थे। लेकिन वो पैसा जमा न करते हुए सुनील खुद ही रख लेता था। लोगों को शक न हो इसलिए उन्हें जाली पासबुक दे रखी थी और उस पर पोस्ट ऑफिस की सील भी लगाता था। जब-जब खाते से पैसे का लेनदेन होता, उसका हिसाब-किताब अपने हाथों से लिख देता था।
फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब एक व्यक्ति ने एफडी तुड़वाई तो उसे 4 लाख का चेक थमा दिया, जो बाउंस हो गया। चेक बाउंस होने के बाद वह दो किलोमीटर दूर डाकघर पहुंचा। पता चला कि उसके नाम का न तो कोई खाता है, न कोई एफडी है। ये खबर जब दूसरे जमाकर्ताओं को लगी तो वह भी अपना खाता चेक करवाने डाकघर पहुंचे। जो लोग उम्मीद में थे कि उनकी जमा पूंजी सुरक्षित ही नहीं बल्कि उस पर ब्याज भी मिल रहा है, उनकी उम्मीदें धरी की धरी रह गईं। खातों में 100 से 500 रुपए जमा पाए गए।
पुलिस ने ओरिजिनल दस्तावेज मांगे, इसलिए 8 लोग ही थाने गए धोखाधड़ी के शिकार लोगों ने धनगांव थाने में शिकायत की। पुलिस ने एफआईआर के लिए ओरिजनल दस्तावेज जमा करवाना की बात की। पीड़ितों ने कहा कि दस्तावेज तो जमा करवा देंगे, हमारे पास सबूत क्या रहेगा। पुलिस ने लिखित में देने से मना कर दिया। जिसके बाद कई लाेग थाने नहीं गए। 8-10 लोगों ने शिकायत की, जिनका हिसाब 50 लाख रुपए से ज्यादा था, लेकिन पुलिस ने महज दो लाख रुपए की धोखाधड़ी दर्ज की।
पुलिस ने गैस एजेंसी संचालक के नाम से दर्ज की रिपोर्ट 24 सितंबर को सुलगांव निवासी गैस एजेंसी संचालक धर्मेंद्र पिता मिश्रीलाल राठौड़ की शिकायत पर पुलिस ने पोस्टमैन सुनील खेड़े के खिलाफ केस दर्ज किया। राठौड़ ने बताया कि उसने बेटे अंशुल, बेटी अदिति-श्रेया के नाम से पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाया था। पोस्टमैन सुनील को आधार कॉर्ड, पैन कार्ड दिए थे।
सुनील खेड़े ने मेरे तीनों बच्चों के खाते पोस्ट ऑफिस में 6 अप्रैल 2024 को खोले। उनके खातों में एफडी करने के लिए बेटे के खाते में दो लाख और दोनों बेटियों के खाते में एक-एक लाख रुपए मेरी ओर से सुनील को दिए गए। सुनील ने दो दिन बाद मुझे तीनों बच्चों के खातों की पासबुक दी।
जब मैंने पासबुक चेक किया तो पेज नंबर-5 पर पोस्ट ऑफिस की सील और साइन थे। उन पर जमा राशि हाथ से लिखी हुई थी। शंका होने पर मैंने मुख्य शाखा निमाडखेड़ी में चेक कराया तो पता चला कि खाते नकली हैं। पोस्ट ऑफिस में कोई रिकॉर्ड नहीं हैं। यह बात सुनील खेड़े को बताई तो वह जमा रुपए वापस लौटाने की बात करने लगा। मेरे साथ 4 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई।

खंडवा के सुलगांव का डाकघर। यहीं पर पोस्टमैन सुनील ने लोगों के फर्जी खाते खोले थे।
किसी ने 12 लाख, किसी ने डेढ़ लाख जमा कराए थाने पहुंचे अन्य खातादारों में कमल सिंह ने खुद, पत्नी प्रिया, बेटी प्रीतिका, बेटे पंकज और मां समोती बाई के खाते भी नकली होना बताया। कमल सिंह ने इन खातों में बारह लाख रुपए जमा कराए थे। इसी तरह राजाराम और उसकी पत्नी पुनई बाई के 3 लाख 77 हजार रुपए, जितेंद्र पिता अनोखीलाल के दो लाख रुपए, कृष्णा बाई के दो लाख 60 हजार रुपए, आरिफ पिता रफीक के डेढ़ लाख रुपए जमा थे। इन खातों का कोई रिकाॅर्ड नहीं मिला।
चाय वाले से लेकर राजमिस्त्री और सौतेले पिता ने की थी एफडी
केस-1 : चाय वाला बोला- मेरे 3 लाख 70 हजार रुपए जमा थे सुलगांव के बाजार चौक पर टी स्टॉल लगाने वाले महिपाल सिंह चौहान भी पोस्ट ऑफिस फर्जीवाड़े के पीड़ित हैं। महिपाल बताते है कि उन्होंने पहला खाता बेटी अक्षिता के नाम से सुकन्या योजना में 2014 में खुलवाया था। तब से खाते में किसी साल 20 हजार रुपए तो किसी साल 10 हजार रुपए जमा कराए। इस तरह 10 साल में एक लाख 20 हजार रुपए जमा हुए थे।
2018 में मैंने खुद की एक-एक लाख रुपए की दो एफडी कराई। 2020 में बेटे अक्षय के नाम से 50 हजार रुपए की एफडी की। वहीं डेली डायरी भी चलाता था, जिसमें रोज 100 रुपए जमा होते थे। अब पता चला है कि सभी खाते फर्जी हैं। जमा कराया पैसा तो सुनील खेड़े के पास है। मैं एक पैर से दिव्यांग हूं, इसलिए चाय की दुकान लगाता हूं। छोटी-छोटी बचत एफडी कराई थी कि बच्चों को आगे पढ़ाई में दिक्कत न जाए। बेटी की शादी भी अच्छे से हो जाए।

टी स्टॉल लगाने वाले महिपाल सिंह चौहान भी पोस्टमैन की धोखाधड़ी का शिकार हुए।
केस- 2 : मोबाइल रिपेयर करने वाले के 6 खाते, 4 एफडी थी बाजार चौक पर ही मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाने वाले जफर पठान भी जालसाजी का शिकार हुए हैं। साल 2013 से उनके पोस्ट ऑफिस में कुल 6 खाते थे। खुद और पत्नी के नाम से एक-एक एफडी थी। वहीं 3 बच्चों के नाम से 4 एफडी कराई थी। इन खातों में कुल 3 लाख 70 हजार रुपए जमा कराए थे। वे कहते हैं- इन खातों में पैसे जमा करने के लिए कितनी मशक्कत की, यह मेरे अलावा कोई और नहीं जान सकता। रात-रात भर दुकान खोलकर लोगों के मोबाइल सुधारे हैं, परिवार वालों ने मजदूरी की है।

मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाने वाले जफर पठान के भी करीब चार लाख डूब गए।
केस- 3 : मंजू बाई बोली- बच्चों के लिए ईंट भट्टे पर काम किया सुलगांव की सबसे गरीब बस्ती नंदानगर में रहने वाली मंजू बाई बताती हैं कि पोस्ट ऑफिस में 15 साल से उनकी एफडी थी, जिसमें 3 लाख रुपए जमा किए थे। अगले साल जनवरी में वह टूटने वाली थी। 2015 में दोनों बेटियों के नाम से सुकन्या योजना में खाता खुलवाया।
एक खाते में 8 हजार रुपए और दूसरे में 9 हजार रुपए जमा किए थे। ये पैसे मैंने बच्चियों की शादी के लिए जमा कराए थे। हमारे पास खेती की मजदूरी के लिए कोई काम नहीं था। किश्त भरने के लिए मैंने ईंट-भट्टों पर काम किया। तब जाकर पैसे जमा किए थे। पोस्ट मैन सुनील खेड़े हमारे गांव से है, उसे बड़ा पाप लगेगा।

पीड़ित मंजू बाई ने कहा- मजदूरी करके रुपए जमा किए थे, सब डूब गए।
केस- 4 : मां ने दूसरी शादी की, सौतेले पिता ने कराई थी एफडी नंदानगर की रहने वाली रंजना कहती हैं कि, जीजा जी के निधन के बाद मेरी बहन ने दूसरी शादी कर ली। बहन का बेटा पूरब उसके नाना-नानी के पास रहता है। वो मेरे माता-पिता हैं। मैं मजदूरी करके उनका और पूरब का भरण-पोषण करती हूं। पूरब की पढ़ाई अच्छे से हो सके, इसलिए हमने उसके सौतले पिता से शादी के एवज में 50 हजार रुपए लिए थे। उस 50 हजार की हमने 15 मई 2023 को एफडी कराई थी। पासबुक पर निमाड़खेड़ी शाखा की सील है। खाता चेक कराया तो बैलेंस जीरो बताया गया। हमें 8 साल के पूरब के भविष्य की चिंता सता रही है।

ठगी का पता चलते ही सुलगांव के ज्यादातर लोग पासबुक चेक कराने पहुंचे।
करीब 150 पीड़ित, 4 करोड़ से ज्यादा हिसाब-किताब पोस्ट ऑफिस फर्जीवाड़े में सुलगांव के 150 से ज्यादा लोगों के साथ धोखाधड़ी हुई है। कलेक्टर से शिकायत के बाद जांच करने पहुंचे संयुक्त कलेक्टर के सामने 150 लोगों ने बयान दिए थे। इन लोगों का 4 करोड़ रुपए से ज्यादा का हिसाब-किताब है। गांव वालों का कहना है कि लगता था सुनील खेड़े अपने घर से बैंक चला रहा था। कोई छोटी-मोटी जमा पूंजी मांगने जाए तो वह तत्काल दे देता था। लोगों को भारत सरकार से ज्यादा उस पर विश्वास हो गया था, लेकिन उसने विश्वासघात किया।
पोस्टमै गांव से गायब, पुलिस कर रही तलाश आरोपी पोस्टमैन सुनील खेड़े गांव से गायब है। उसके घर पर ताला लटका हुआ हैं। पड़ोस में उसके भाई रहते हैं। धनगांव टीआई विजय वर्मा का कहना है कि, लोगों की शिकायत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी होना है, लेकिन वह लापता है। गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मोबाइल बंद होने से लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है।

राजमिस्त्री अरमान शेख का परिवार इसी झोपड़ी में रहता है। उसके साथ 9 लाख की ठगी हुई।
एसडीएम ने संपत्ति की खरीदी-बिक्री पर रोक लगाई इधर, पुनासा एसडीएम शिवम प्रजापति ने 1 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर आरोपी सुनील खेड़े की अचल संपत्ति की खरीदी-बिक्री पर रोक लगा दी है। उन्होंने वसूली अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए उप पंजीयक पुनासा को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस बारे में प्रवर अधीक्षक डाकघर खंडवा संभाग ने सुनील की चल-अचल संपत्ति के विक्रय, विनियम, हस्तांतरण, अंतरण पर आगामी आदेश तक राेक लगाए जाने के लिए एसडीएम से आग्रह किया था।
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