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Winter Weather: क्‍या बूढ़े-क्‍य बच्‍चे, 22 साल के छोरे को भी पड़ेगी डबल रजाई की जरूरत, मौसम विभाग की चेतावनी – severe cold forecast north india east india world meteorological organisation wmo prediction la nina conditions develop

नई दिल्‍ली. भारत के कई हिस्‍सों में इस बार अच्‍छी बारिश रिकॉर्ड की गई है. मौसम विभाग (IMD) ने दक्षिण-पश्चिम मानसून के एक्टिव होने से पहले ही अच्‍छी बारिश होने की संभावना जता दी थी. देश के विभिन्‍न क्षेत्रों में अभी भी बारिश हो रही है, जबकि मानसून की विदाई का समय करीब आ चुका है. मौसमी दशाओं में संभावित बदलाव को देखते हुए विश्‍व मौसम संगठन यानी WMO ने सर्दी को लेकर पूर्वानुमान जारी किया है. WMO के विज्ञानियों का कहना है कि साल के अंत तक ला नीना (La Nina) के एक्टिव होने की संभावना 60 फीसद तक है. यह कंडीशन आमतौर पर उत्‍तर भारत में सामान्‍य से ज्‍यादा ठंड पड़ने का पूर्वानुमान जताया गया है.

विश्‍व मौसम संगठन ने पूर्वानुमान में कहा है कि इस साल के अंत तक तकरीबन 60 प्रतिशत संभावना है कि ला नीना की स्थितियां और मजबूत हो जाएंगी. इससे भारत के उत्तरी भागों में सामान्य से अधिक ठंडी पड़ सकती है. डब्ल्यूएमओ की ओर से बुधवार को जारी ताजा पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि सितंबर-नवंबर 2024 के दौरान वर्तमान मौसमी स्थितियों (न तो अल नीनो और न ही ला नीना) से ला नीना में परिवर्तित होने की 55 प्रतिशत तक संभावना है. डब्ल्यूएमओ ने कहा, ‘अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक ला नीना के मजबूत होने की संभावना 60 प्रतिशत तक बढ़ सकती है, जबकि इसी दौरान अल नीनो के फिर से मजबूत होने की संभावना शून्य है.’ बता दें कि ला नीना के डेवलप होने पर प्रशांत महासागर की सतह का टेम्‍प्रेचर कम हो जाता है और वह ठंडा हो जाता है.

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क्‍लाइमेट चेंज का असर
WMO ने हालांकि कहा कि ला नीना और अल नीनो जैसी मौसमी घटनाएं क्‍लाइमेट चेंज से भी प्रभावित होते हैं. वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्‍साइड की मात्रा बढ़ने की वजह से एनवायरमेंट ज्‍यादा गर्म हो जाता है. इसका असर समुद्रों के सतह के तापमान पर भी पड़ता है. WMO ने आगे बताया कि मानवीय गतिविधियों से वैश्विक तापमान में वृद्धि हो रही है. इसके अनेक असर देखने को मिल रहे हैं. जैसे अत्‍यधिक बारिश और सामान्‍य से ज्‍यादा गर्मी जैसी घटनाएं बढ़ जाती हैं. हालके दिनों में नॉर्थ से लेकर साउथ पोल तक इसका प्रभाव देखा गया है. साथ ही बारिश पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है.

मौसम में लगातार बदलाव
डब्ल्यूएमओ के महासचिव सेलेस्टे साउलो ने कहा कि जून 2023 से हमने असामान्‍य रूप से तापमान में वृद्धि (जमीन और समुद्र) की परिपाटी देखी है. उन्‍होंने आगे कहा कि भले ही ला नीना अल्पकालिक रूप से ठंडा करने की घटना हो लेकिन यह वातावरण में गर्मी सोखने वाली ग्रीनहाउस गैसों के कारण बढ़ते वैश्विक तापमान के लंबे समय तक होने वाले असर को कम नहीं कर सकती है. उन्होंने बताया कि साल 2020 से 2023 के शुरुआत तक ला नीना के समुद्री सतह को ठंडा करने के प्रभाव के बावजूद पिछले 9 साल अब तक के सबसे गर्म वर्ष रहे हैं.

Tags: Cold wave, IMD alert, IMD forecast, Weather forecast


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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