साईकिल से शहर की सडक़ों पर निकले कलेक्टर: शहर की सडक़ों और कार्यालयों का किया निरीक्षण

छतरपुर। छतरपुर के युवा कलेक्टर संदीप जी आर के द्वारा सुबह-सुबह साईकिल से ही शहर की सडक़ों और कार्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है। उनका यह अंदाज जिले में बदलाव की नई उम्मीद दिखा रहा है। 10 दिन में दूसरी बार उन्होंने अपनी साईकिल से सुबह-सुबह शहर की सडक़ें नापीं। इस दौरान सडक़ों पर साफ-सफाई, अस्पताल में मरीजों की समस्याओं का जायजा लिया इसके बाद कलेक्टर कार्यालय जाने के पहले तहसील पहुंच गए। यहां उन्होंने लोकसेवा केन्द्र का निरीक्षण किया साथ ही यहां मौजूद आवेदकों से भी सीधे रूबरू हुए।

*खबर का हुआ असर*
कलेक्टर ने छतरपुर तहसील का किया औचक निरीक्षण, तहसीलदार के स्टेनो को तहसील से हटाया
छतरपुर। छतरपुर कलेक्टर संदीप जी आर ने आज बुन्देलखन्द् समाचार में तहसील में नामांतरणों को लेकर किए जा रहे भ्रष्टाचार की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। कलेक्टर ने खबर को पढऩे के बाद आज तहसील में सुबह 10 बजे औचक निरीक्षण किया। तहसीलदार के रीडर नितिन नामदेव को तहसील से हटाकर कलेक्ट्रेट की शिकायत शाखा में पदस्थ कर दिया। उसकी जगह पर प्रतीक निरंजन जो कि पन्ना जिले से आए उन्हें तहसील छतरपुर में पदस्थ किया है। कलेक्टर ने तहसील में औचक निरीक्षण के दौरान राजस्व न्यायालय में चल रही पेंडेंसी से नाराज होकर हिदायत दी कि कलेक्टर ने तहसील के वृहद निरीक्षण करते हुए पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु तीन सदस्यीय दल गठित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने लम्बित पुराने प्रकरणों की अवधि समाप्त होते ही जिला अभिलेखागार में संचित करने की कार्ययोजना भी बनाने के निर्देष दिए।

तहसील एवं एसडीएम कार्यालय में सफाई व्यवस्था को पुख्ता करने और मानक आकार का रैम्प बनाने तथा की गई कार्यवाही का पालन प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने तहसील मे प्रति सप्ताह कितने केस आते हैं, बंटवारे एवं नामंतरण के प्रकरणों में समाधान में लगने वाले समय की जानकारी ली। उन्होंने एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार को निर्देशित किया कि धारा 145 के लम्बित प्रकरणों का त्वरित निराकरण करें और इस धारा के मिलरहे प्रकरणों को गृहायता पर ही निराकरण करें। उन्होंने इम्पिलीमेंट के बाद रिकॉर्ड सुधार में लगने वाले समय की जानकारी ली।
कलेक्टर ने पटवारी रिकॉर्ड की जांच करने धारा 145 के प्रकरणों का अभियान के रूप में समाधान करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नामांतरण के प्रकरणों में वेट न करें। सरकारी जमीन जहां है तो वहां प्रोएक्टिव होकर कार्य करें। निरीक्षण में प्रभारी एडीएम श्री डी.पी. द्विवेदी, एसडीएम श्री यू.सी. मेहरा उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने तहसील स्थित लोकसेवा केन्द्र के पास अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने लोकसेवा केन्द्र में मध्यस्थों की उपस्थित पाई जाने पर संचालक को कड़ी फटकार लगाते हुए लोकसेवा केन्द्र में प्रवेश नहीं कराने की हिदायत दी। इसी तरह लोकसेवा केन्द्र तक पहुंचने वाले मार्ग को दुरुस्त कराने के निर्देश भी दिये कलेक्टर के दौरे से तहसील में हडकंप मच गया और कुछ देर के लिए बाबुओं में अफरातफरी का माहौल निर्मित हो गया। कलेक्टर ने तहसील की व्यवस्था सुधारने के लिए एसडीएम को निर्देश भी दिए हैं। फिलहाल कलेक्टर के द्वारा किए जा रहे औचक निरीक्षण से विभिन्न विभागों में हडकंप मचा हुआ है।

*सोनोग्राफी के लिए परेशान महिलाओं को देख डॉक्टरों को फटकारा*
कलेक्टर संदीप जीआर ने सुबह लगभग 10 बजे अचानक अस्पताल पहुंचकर एक बार फिर व्यवस्थाओं की सीधी पड़ताल की। अचानक साईकिल से अस्पताल पहुंचे कलेक्टर ने देखा कि यहां के सोनोग्राफी कक्ष के बाहर गर्भवती महिलाओं की लाइन लगी है। उन्होंने अस्पताल के बाहर प्राइवेट सृष्टि सोनोग्राफी के बाहर बैठे एक मरीज के परिजन से बात की तो पता चला कि जिला अस्पताल में उससे कहा गया कि बाहर से सोनोग्राफी करा लें। इन दोनों अनुभवों को लेकर जब वे अस्पताल के डॉक्टरो से रूबरू हुए तो जमकर नाराजगी जताई। उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि यदि अस्पताल के भीतर हम गर्भवती महिलाओं की भी सोनोग्राफी नहीं कर रहे हैं तो हमें इस जिले ही नहीं देश में कहीं भी सेवाएं देने के लायक नहीं समझा जाना चाहिए। उन्होंने सबसे पहले तो गर्भवती महिलाओं के बैठने के लिए कुर्सियों का इंतजाम कराया। इसके बाद सिविल सर्जन एमके गुप्ता से कहा कि हर रोज महिलाओं की सोनोग्राफी दिन भर कराई जाए। यदि एक दिन में पूरी महिलाओं की जांच नहीं हो पाती तो उन्हें अगले दिन का टोकन दिया जाए। कलेक्टर ने अस्पताल के कई चेम्बरों का भ्रमण भी किया। इस दौरान डॉक्टरों के कई चेम्बर खाली पाए गए जिस पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने एसडीएम यूसी मेहरा को रिपोर्ट देने और लापता डॉक्टरों की एक दिन की वेतन काटने के निर्देश दिए। तदोपरांत उन्होंने अस्पताल के बाहर आकर पार्किंग व्यवस्था को सुधारने के निर्देश भी दिए। *खुद कचरा उठवाया, सीएमओ को प्वाइंट लिखाए

*सुबह साईकिल से ही शहर की सडक़ों पर निकले कलेक्टर
सबसे पहले करीब 8 बजे छत्रसाल चौक पर स्थित सुलभ कॉम्पलेक्स पहुंच गए। यहां उन्होंने साफ-सफाई की स्थितियों का जायजा लिया। मौके पर सीएमओ ओमपाल सिंह भदौरिया को बुलाया। कॉम्पलेक्स के बगल में सार्वजनिक रूप से सिगरेट पी रहे लोगों पर जुर्माने कराए। यहां अतिक्रमण कर रखी गईं अस्थायी गुमटियों को हटाने के निर्देश दिए। इसके बाद जब वे सर्किट हाउस तिराहे पर पहुंचे तो यहां कचरे के ढेर देखकर सीएमओ को तुरंत कचरा उठवाने के लिए निर्देशित किया। कलेक्टर के भ्रमण की जानकारी लगने पर कचरा संग्रहण के जिम्मेदार अधिकारी अस्पताल बुलाए गए जहां उन्होंने समझाइश देते हुए कहा कि हमें लोगों के घर-घर से कचरा लेना है। लोग खुले स्थानों पर कचरा न फेंके इसके पहले ही संग्रहण की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

*लोकसेवा केन्द्र में रेम्प बनवाने के निर्देश
*कलेक्टर करीब साढ़े 10 बजे अपने कार्यालय जाने के पहले छतरपुर तहसील कार्यालय पहुंच गए। यहां उन्होंने सबसे पहले लोकसेवा केन्द्र का निरीक्षण किया। लोकसेवा केन्द्र के ऊंचाई पर बने होने और रेम्प न होने की मुश्किलों को देखते हुए कलेक्टर ने एसडीएम को निर्देशित किया कि यहां पहुंचने में बुजुर्गों और दिव्यांगों को दिक्कत होती होगी इसलिए जल्द से जल्द रेम्प का निर्माण कराया जाए। तदोपरांत उन्होंने तहसील में नामांतरण जैसे राजस्व संबंधी कार्यों की जानकारी ली और समयसीमा में इनके निराकरण के निर्देश दिए। इस मौके पर स्थानीय वकीलों ने कलेक्टर से यहां के अतिक्रमण को हटाने की मांग की साथ ही कुछ महिलाओं ने भी कलेक्टर को अपनी फरियाद सुनाई। जनता, सिस्टम की खबर लेकर कलेक्टर अपने कार्यालय निकल गए।