मध्यप्रदेश

There are so many disputes over 15-20% of the land in the city that even officers avoid getting the demarcation done | परेशानी की प्रॉपर्ट: शहर में 15-20% जमीनों में इतने विवाद कि अफसर भी सीमांकन कराने से बचते हैं – Bhopal News


भोपाल शहर में 3169 लोकेशन में से करीब 15-20% जमीनों में विवाद हैं। सबसे ज्यादा विवाद बायपास की जमीनों में हैं। मुख्य सड़क की कीमती जमीन होने के कारण यहां एक-एक इंच को लेकर झगड़ा हो जाता है। कहीं-कहीं इतने विवाद हैं कि निजी एजेंसी से लेकर राजस्व विभाग क

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शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन में विवाद की स्थिति कम है। जमीन और राजस्व से जुड़े मामलों को लेकर महाअभियान चलाया जा रहा है। अगस्त के पहले सप्ताह तक भोपाल में नक्शेमें बदलाव के करीब 2.10 लाख मामले थे। इनमें 18 हजार ही ठीक हो सके, जबकि 1.92 लाख मामले लंबित हैं। नामांतरण, सीमांकन और कब्जा दिलाने के मामले अटके पड़े हुए हैं।

वजह… नक्शेसे उलट काट देते हैं प्लॉट

शहर में दो तरह से कॉलानी बसी हुई हैं। पहला नियमानुसार टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएनसीपी) समेत सभी एजेंसी से अनुमति लेकर बनाई गई कॉलोनी। इसमें कभी कॉलोनाइजर नक्शे से उलट प्लाॅटिंग कर खाली जगह में भी प्लाॅट काट देता है। कुछ मकान बनने के बाद जब कोई सीमांकन कराता है, तो विवाद खड़े हो जाते हैं।

इसके अलावा अवैध कॉलोनी में सबसे ज्यादा समस्या होती है। असल में यहां पर सिर्फ डायवर्सन के नाम पर प्लाॅट काट दिए जाते हैं। यहां पर रोड तो स्पष्ट होती ही नहीं है, बिजली पोल और नाली आदि के लिए भी जमीन नहीं होती है। इसके अलावा नाला और सरकारी जमीन तक पर प्लाॅट काट दिए जाते हैं। इस कारण यहां पर समस्या खड़ी होती है।

यहां सबसे ज्यादा समस्या

सबसे ज्यादा विवाद वाली जमीनें, रातीबड़, नीलबड़, सूरज नगर, विशनखेड़ी, अयोध्या बायपास, बैरसिया रोड, विदिशा रोड, खजूरी कलां, खजूरी सड़क और कोहेफिजा जैसे इलाकों में हैं। सीमांकन के बाद ही जमीन की सही स्थिति का पता चलता है। नपती की गई जमीन के कब्जे वाली जगह खाली है, तो सीमांकन कर उसे दुरुस्त किया जा सकता है, लेकिन वहां कोई कब्जा या निर्माण है, तो परेशानी हो जाती है।

^विकसित कॉलोनी और बायपास रोड पर जमीन विवाद की स्थिति ज्यादा है। शहर में 15 से लेकर 20% मामलों में विवाद की स्थिति बनती है। कोहेफिजा जैसे पॉश इलाकों तक में यह स्थिति है। सीमांकन के दौरान पता चलता है कि जमीन की असली स्थिति क्या है। –मोहम्मद यावन मुर्तजा, प्राइवेट सर्वेयर


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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