मध्यप्रदेश

Unique initiative of Gwalior police | ग्वालियर पुलिस की आनौखी पहल: 15 साल बाद लौटे तो न घर था और न ही जमीन,चंद मिनटों में किया समाधान, घर-जमीन मिलते ही बच्चों के आंसू छलके – Gwalior News

बच्चों और उनके परिजन से बात कर समझाइश देते SDOP संतोष पटेल

ग्वालियर पुलिस अगर अपराध को सुलझाने पर आ जाए तो उन समस्यों का निराकरण चंद मिनटों में कर डालती है। ऐसा ही एक मामला हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के चक महाराजपुरा में सामने आया है, जहां 15 साल पहले माता-पिता का देहांत होने पर मामा के घर रहने गए थे और अब लौटक

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बच्चों के घर और जमीन की फीते से नपाई करते पुलिसकर्मी

बच्चों के माता-पिता का 15 साल पहले हुआ था देहांत

बता दें कि ग्वालियर के हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के चक महाराजपुरा में रहने वाले तीन बच्चे एसडीओपी बेहट के पास पहुंचे और शिकायत करते हुए बताया कि उनके माता और पिता का 15 साल पहले देहांत हो गया था और माता व पिता की मौत के बाद वह पढऩे के लिए मामा के घर चले गए थे,उसके बाद वह वापस नहीं आए। अब जब वह बड़े हो गए हैं और अपने घर आए तो न तो उन्हें रहने के लिए जगह मिली और न ही जमीन में हिस्सा मिला।

बच्चों के दुखी चेहरा देख तुरंत की एसडीओपी ने मदद

बच्चों का दुखी चेहरा देखकर एसडीओपी का मन पसीज गया और उन्होंने उनके रिश्तेदारों को एकत्रित किया और बच्चों को लेकर उनके गांव पहुंचे। जहां पर उनकी पहल और रिश्तेदारों के साथ होने पर परिजन उनका हिस्सा देने को तैयार हो गए और घर व जमीन से हिस्सा बच्चों को दे दिया। जमीन व घर में हिस्सा मिलने पर तीनों बच्चे भावुक हो गए और उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े।

ऐसे समझिए पूरा मामला

हस्तिनापुर थाना क्षेत्र निवासी ज्ञान सिंह, नाथू सिंह, रामकुमार सिंह परिहार, गुड्डी बाई, रौना बाई और दर्शन सिंह परिहार का राकेश परिहार छोटा भाई है। कुछ ही समय में ज्ञान सिंह तथा उनके परिजनों नाथू सिंह, रामकुमार सिंह परिहार, गुड्डी बरई, रौना बाई और दर्शन सिंह परिहारने सबसे छोटे भाई के खिलाफ पांच आवेदन, दो सीएम हेल्पलाइन के साथ ही एक झूठा मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि उनके बीच मनमुटाव व विवाद का मुद्दा एक जमीन है। इसका पता चलते ही पुलिस ने उनसे बातचीत की तो पता चला कि उनके बीच विवाद सड़क किनारे एक जमीन का है। इसका पता चलते ही एसडीओपी ने सभी को एकत्रित कर बातचीत की तब पता चला कि जिस जमीन को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है, वह राकेश की है। इसका पता जब राकेश को चला तो उसने खुशी-खुशी परिजनों को जमीन दान में दे दी। इस तरह पुलिस ने कई वर्षों तक चले इस विवद का हल मात्र आधा घंटे में कर दिया।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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