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Maharashtra News: महाराष्‍ट्र में त्राहिमाम…ऊपरवाले के कहर ने तोड़ी कमर, यह कैसी आफत आई – maharashtra suffering from severe heat wave less rain destroy 1125174 mosambi trees farmers in deep shock agriculture news

छत्रपति संभाजी नगर/जालना. महाराष्‍ट्र ऑरेंज के साथ ही मौसंबी की पैदावार के लिए भी जाना जाता है. यहां हजारों हेक्‍टेयर जमीन पर रसदार फल मौसंबी का उत्‍पादन होता है. किसानों को नगदी फसल से अच्‍छी आमदनी भी होती है, लेकिन इस बार लगता है कि कुदरत यहां के किसानों से रूठ गया है. बारिश की कमी और भीषण गर्मी की वजह से मौसंबी के फसल को व्‍यापक नुकसान पहुंचा है. सूखे की स्थिति और पानी की कमी के कारण महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर और पड़ोसी जालना जिले के बगीचों में 11 लाख से अधिक मौसंबी के पेड़ों को नुकसान हुआ है.

राज्य कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सूखे के कारण इन जिलों में 4,062 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर लगे मौसंबी के पेड़ सूख गए हैं. मौसंबी के उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र देश में सबसे आगे है. राज्य में छत्रपति संभाजी नगर और जालना मौसंबी के सबसे बड़े उत्पादक जिलों में से एक हैं. कृष‍ि विभाग के अधिकारी ने बताया कि इन दोनों जिलों में 35,850 हेक्टेयर भूमि पर मौसंबी उगाई जाती है. उन्होंने आगे बताया कि नियमों के अनुसार एक हेक्टेयर भूमि पर मौसंबी के 277 पेड़ उगाए जाते हैं. इस हिसाब से पिछले साल कम बारिश के कारण पानी की कमी से 11,25,174 मौसंबी के पेड़ सूख गए.

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4,062 हेक्टेयर प्रभावित
छत्रपति संभाजीनगर और जालना जिलों में 4,062 हेक्टेयर भूमि पर लगे मौसंबी के पेड़ सूखे से प्रभावित हुए हैं. इन दोनों जिलों में से जालना में सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जहां 3,600 हेक्टेयर भूमि पर लगे पेड़ सूख गए हैं. जालना कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘अब तक 3,590 मौसंबी के पेड़ सूख चुके हैं. कुछ किसानों ने पेड़ काट दिए हैं, जबकि अन्य ने अभी तक ऐसा नहीं किया है.’ छत्रपति संभाजी नगर में 4 तहसीलों में नुकसान हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि 472 हेक्टेयर भूमि पर फैले 1,30,744 पेड़ मर गए हैं और किसानों ने उन्हें काट दिया है.

पर्याप्‍त पानी जरूरी
जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी प्रकाश देशमुख ने कहा, ‘गन्ने की तरह मौसंबी भी ऐसी फसल है, जो साल भर पानी उपलब्ध रहने पर अच्छी कमाई की गारंटी देती है. लेकिन क्षेत्र में हर पांच साल बाद इसी तरह से ये पेड़ खत्म हो जाते हैं.’ देशमुख ने आगे बताया कि जब मौसंबी का पेड़ सूख जाता है, तो उसे काटना पड़ता है. सूखे पेड़ की उम्र तीन साल से लेकर 15 साल तक हो सकती है. आम तौर पर एक हेक्टेयर जमीन पर 277 मौसंबी के पौधे लगाए जाते हैं. कुछ किसान एक हेक्टेयर में 300 पेड़ लगाते हैं.

Tags: Agriculture department, Maharashtra News


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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