मध्यप्रदेश

Indore News:पिता की कैंसर से हो गई मौत तो मां ने बर्तन मांज कर पढ़ाया, बेटा बन गया क्लास वन आफिसर – When Father Died Of Cancer, Mother Taught By Washing Dishes, Son Became A Class One Officer


मां को नौकरी का लेटर बताता आकाश
– फोटो : amar ujala digital

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ये एक ऐसे मां और बेटे की संघर्ष की कहानी है, जिन्होंने जीवन के 18 साल कड़े संघर्ष में बिताए, लेकिन सफलता के लिए हमेशा प्रयास जारी रखे और उम्मीद का दामन थामे रखा। पति की मौत हो गई तो मां दूसरों के घर बर्तन धोने जाती थी, जो भी कमाती थी, वह बेटे की पढ़ाई पर खर्च करती थी। आखिर मेहनत रंग लाई और अब बेटे आकाश की ट्रॉपिकल फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट जबलपुर में प्रथम श्रेणी अधिकारी के रूप में नौकरी लगी है। सोमवार को आकाश ने यह नौकरी ज्वाइन भी कर ली।

इंदौर के जनता क्वाटर्स निवासी आकाश अनवले के पिता की वर्ष 2005 में कैंसर से मौत हो गई थी। परिवार में कमाने वाला कोई नहीं बचा था। आकाश की मां कल्पना कमाने के लिए घर से बाहर निकली। वह आसपास के घरों में बर्तन धोने जाती थी और अपने बेटे की फीस जुटाती थी। आकाश ने भी तीन घंटे पार्ट टाइम जॉब किया और ग्रेजुएशन के बाद प्रतियोगी परीक्षा देता रहा।

स्टेशन मास्टर के लिए भी हुआ चयन

आकाश का दो माह पहले रेलवे में स्टेशन मास्टर के लिए भी चयन हो गया था, लेकिन उसने वह नौकरी ज्वाइन नहीं की। आकाश का कहना है कि उसे यूपीएससी पास कर आईपीएस बनना है। स्टेशन मास्टर नौकरी में पढ़ाई के लिए ज्यादा समय नहीं मिलता, इसलिए उसने ट्रॉपिकल फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट की नौकरी को चुना।

‘आई’ के हाथों में रखूंगा पहली पगार

आकाश कहता है, ‘आई (मां) ने पेट काटकर उसे पढ़ाया। वह मुझे आईपीएस अधिकारी बनते देखना चाहती है। मुझे फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट के जबलपुर स्थित कार्यालय में नौकरी मिली है। नौकरी के बचे समय में मुझे पढ़ाई कर मां का सपना पूरा करना है। मुझे पहली पगार मिलेगी, उसे मैं अपनी मां के हाथों में दूंगा।’

 


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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