अजब गजब

14 साल में पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए शुरू किया कारोबार, आज बन गई ब्रांड, BBC ने बना दी ‘हनी गर्ल’ पर फिल्म

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर की एक लड़की जो बचपन में हमेशा शहद खाने की जिद किया करती थी आज वह मधुमक्खी पालन करके शहद के कारोबार में अपनी धाक जमा चुकी है. यह कहानी है ‘हनी गर्ल’ के नाम से मशहूर हो चुकी अनीता की. अनीता अगर चाहती तो वह भी गरीबी में जीवन बिताती जैसे कि परिवार का जीवन गरीबी में गुजरा, अनीता के पिता जनार्दन सिंह एक ग्रॉसरी की दुकान में काम करते थे. किसी तरीके से गरीबी में जीवन गुजर रहा था. लेकिन मुजफ्फरपुर जिले के पटियासा गांव की रहने वाली अनीता परंपरागत तरीकों से खुद को बांधकर रखना ही नहीं चाहती थी. हमेशा कुछ अलग करने की सोच थी. आखिरकार अनीता ने वह करके भी दिखा दिया.

आज से करीब 25 साल पहले अनीता ने शहद का कारोबार शुरू किया था और आज इसमें वह काफी कामयाब हो चुकी हैं. अनीता की यह कामयाबी दुनिया भर में मशहूर है. यूनिसेफ ने भी 2006 में अनीता से मुलाकात की और अनीता के ऊपर एक डॉक्यूमेंट्री रिपोर्ट भी बनाई, यहां तक कि बीबीसी ने भी अनीता पर फिल्म बनाई है, साथ ही एनसीईआरटी की कक्षा चार की किताब में भी अनीता के नाम पर एक चैप्टर मौजूद है, जिससे बाकी बच्चे भी प्रेरणा ले रहा है. अनीता ने लोकल 18 को अपनी पूरी कहानी बताई उन्होंने बताया कि 25 साल पहले मैंने इसकी शुरुआत की थी तब उनकी उम्र 14 साल थी. इसको शुरुआत करने की वजह उनका शौक नहीं उनकी मजबूरी थी वह पढ़ना चाहती थी. पढ़ाई के लिए जो पैसे खर्च होते थे उसे निकालने के लिए उन्होंने मधुमक्खी पालन शुरू किया लेकिन धीरे-धीरे यह उनका शौक बन गया पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने समस्तीपुर के पूसा स्थित राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय से मधुमक्खी पालन के लिए ट्रेनिंग ली. नई तकनीकों का वे इस्तेमाल करती हैं. बहुत से महिलाओं को भी वे ट्रेनिंग दे चुकी हैं.

खुद की पढ़ाई के लिए बच्चों को पढ़ाया
यही कारण है कि विश्वविद्यालय ने भी उन्हें सर्वश्रेष्ठ मधुमक्खी पालक का पुरस्कार देकर सम्मानित किया है. सबसे पहले तो अनीता के लिए पढ़ाई करना आसान नहीं था. माता-पिता तैयार नहीं थे. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी जिससे बेटी की पढ़ाई का खर्च उठाया जा सके. किसी तरीके से अनीता ने अपने मां-बाप को मना लिया. वे राजी भी हो गए. एक वजह यह भी थी कि कक्षा 5 तक शिक्षा मुफ्त थी. इसके बाद की पढ़ाई करना मुश्किल था, क्योंकि पिता इतना खर्च उठा नहीं सकते थे. ऐसे में अनीता ने बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया, ताकि अपनी पढ़ाई का खर्च निकाल सकें. उन्होंने मधुमक्खी पालने वालों से सीखना शुरू कर दिया कि मधुमक्खियों को कैसे पालते हैं. ये लोग पड़ोसी गांव से हमेशा आते रहते थे. इसलिए कि अनीता के गांव में लीची के पेड़ थे.

2013 में हुई थी अनीता की शादी
अनीता ने आगे बताया कि इस तरीके से उन्होंने मधुमक्खियों को पालना सीख लिया. वह कहती हैं कि बचपन गरीबी में बीता, लेकिन उनके अरमान बहुत बड़े थे. बस धीरे-धीरे उन्होंने मधुमक्खी पालन में पूरा समय देना शुरू कर दिया. ट्यूशन करके जो रुपये बचाए थे, उसे इसमें लगा दिया. थोड़े-बहुत पैसे मां रेखा देवी से मिल गए. इस तरह से 2002 में उन्होंने अपना बिजनेस शुरू कर दिया. उस वक्त उन्होंने दो डब्बे में मधुमक्खियों को पालना शुरू किया था. कुछ ही महीने में अनीता को बढ़िया मुनाफा होने लगा. और अनीता जिले में ‘हनी गर्ल’ के नाम से मशहूर हो गई हैं. 2013 में अनीता की शादी हुई बच्चे हुए इस वजह से अनीता अब पारिवारिक जीवन के साथ-साथ शहद का कारोबार कर रही है इसमें उनके परिवार वालों का पूरा सहयोग रहता है. साथ महिलाओं के लिए अनीता फ्री में शहद निकाल कर देती हैं.

Tags: Bihar News, Local18, Muzaffarpur news, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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