Jabalpur: Kidney Has To Be Given To Brother, Husband Is Not Signing The Noc, High Court Gave Permission. – Amar Ujala Hindi News Live

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(सांकेतिक)
– फोटो : ANI
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भाई का जीवन बचाने उसे किडनी दान करने की अनुमति के लिए महिला ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। महिला की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि मेडिकल जांच में वह किडनी दान करने के लिए उपयुक्त है। पति द्वारा एनओसी में हस्ताक्षर नहीं करने के कारण सक्षम प्राधिकरण समिति अनुमति प्रदान नहीं कर रही है। हाईकोर्ट जस्टिस विनय सराफ ने अपने आदेश में कहा है कि पति के स्थान पर महिला का कोई करीबी रिश्तेदार एनआरसी हस्ताक्षर कर सकता है।
राजगढ़ निवासी अन्नू बाई की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उसका 63 वर्षीय भाई अशोक पवार किडनी की बीमारी से ग्रस्त है। उसकी बीमारी की सीकेडी स्टेज 5 तक पहुंच गई है। डॉक्टरों ने किडनी प्रत्यारोपण की सलाह दी है। भाई का इलाज भोपाल स्थित बंसल हॉस्पिटल में चल रहा है। मेडिकल जांच में वह किडनी दान करने के लिए उपयुक्त पाई गई है। परिवार के अन्य सदस्यों ने भाई को किडनी दान करने के लिए सहमति प्रदान कर दी है। याचिका में कहा गया था अनावेदक पति किडनी दान के लिए एनओसी पर हस्ताक्षर नहीं कर रहा है। जिसके कारण सक्षम प्राधिकरण समिति से अनुमति प्रदान नहीं की। इसके कारण बसंल हॉस्पिटल किडनी प्रत्यारोपण के लिए ऑपरेशन नहीं कर रहा है। याचिका में कहा गया था कि उसके भाई की जिंदगी के लिए किडनी प्रत्यारोपण शीघ्र करना आवश्यक है। एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए मानव अंगों और ऊतकों के प्रत्यारण नियम 2014 में दिए गए प्रावधानों का उल्लेख करते हुए उक्त आदेश जारी किए।
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