अजब गजब

Goat rearing changed the fortunes of youth, earning huge income every month – News18 हिंदी

सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद: आधुनिकता के इस दौर में जरूरी नहीं कारोबार करने के लिए कड़ी मेहनत और लाखों रुपए ही लगाए जाएं. पुश्तैनी कार्य को आगे बढ़ा करके भी अच्छा मुनाफा अर्जित किया जा सकता है. ग्रामीण परिवेश में बकरी पालन अब एक रोजगार बनते जा रहा है. बकरी पालन का काम ग्रामीण क्षेत्रों में बीते कई दशक से चलते आ रहा है, लेकिन वर्तमान समय में बकरी पालन एक कारोबार के रूप में विकसित हो रहा है. वहीं छोटे तौर पर बकरी पालन में युवा तेजी से जुड़ रहे हैं. ऐसी ही सफलता की कहानी है उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के रघौल निवासी अभिलाख की.

अभिलाख बताते हैं कि घर में बकरी पालन का कार्य पिछले पांच पीढ़ियों से होता आ रहा है. शुरुआत में उनके घर पर 20 बकरियां थी, लेकिन अब आज उनका  100 बकरियों का कारोबार हो गया है. जिससे आज वो अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. कमालगंज विकासखंड क्षेत्र के राघौल गांव में पशुपालन होता है. यहां के लोग जिलेभर में अच्छी किस्म की बकरियों के कारोबार के लिए जाने जाते हैं. अभिलाख इस समय 100 बकरियों को पाल रहे हैं. प्रतिदिन उनके यहां दूध की बिक्री होती है. जिससे इनकी आय भी दोगुनी हो रही है. इससे जहां अब एक तरफ जैविक उर्वरक मिलता है, तो वहीं दूसरी ओर बकरी के बच्चे को बेचकर भी अच्छी खासी कमाई हो जाती है. यहां के ग्रामीण बकरी पालन से महीने में 60 से 90 हजार मुनाफा कमा रहे हैं. वहीं इसके साथ-साथ खेती भी कर रहे हैं.

फायदे का सौदा है पशु पालन

अभिलाख बताते हैं कि हम खेती के साथ ही बकरी पालन का काम करते हैं. बकरी पालन हमारा पार्ट टाइम जॉब है. यहां के ग्रामीण सुबह बकरियों को ले जाकर खाली पड़े भूमि पर घास और पेड़ों की पत्तियां बकरियों को खिलाते हैं. इसमें प्रतिदिन 6 से 7 घंटा देते हैं और मुनाफा भी बेहतर हो जाता है. अभिलाख का कहना है कि गरीब आदमी के लिए बकरी पालन बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. क्योंकि यह बिजनेस कम पैसे में शुरू किया जा सकता है. साथ ही, बकरी बेचने से भी अच्छा मुनाफा होता है.

बकरी पालन ने बदली किस्मत

अभिलाख बताते हैं कि बकरी पालन से मिलने वाली जैविक उर्वरक जो की 10 से 12 प्रति किलो बिक जाता है. रोज 300 से 400 रुपया इससे भी निकल जाता है. अभी सौ बकरियों को पाल रहे हैं. बकरी का बच्चेे 2 से 3 हजार रूपए में आसानी से बिक जाता है. वहीं इसके दूध की भी बिक्री हो जाती है. अभिलाख बकरी पालन से अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं. सुबह होते ही आसपास के क्षेत्र से लोग बकरी का दूध खरीदने के लिए उनके पास पहुंच जाते हैं. जिससे हाथों-हाथ बकरी के दूध की बिक्री हो जाती है.

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Tags: Hindi news, Local18, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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