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कोस्ट गार्ड ALH हेलिकॉप्टर क्रैश: जांच रिपोर्ट का इंतजार, चेतक से ऑपरेशन जारी

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ALH HELICOPTER : ALH क्रैश की फेहरिस्त है लंबी है.अब तक डिलिवर किए गए ALH हेलिकॉप्टरों ने साढ़े चार लाख घंटे से ज्यादा की उड़ान भर चुके हैं. पिछले कुछ सालों में तकरीबन दो दर्जन के करीब ALH हेलिकॉप्टर हादसों का…और पढ़ें

ALH उड़ान भरने की देख रहा राह…

हाइलाइट्स

  • ALH हेलिकॉप्टर 90 दिनों से ग्राउंडेड हैं.
  • चीता और चेतक हेलिकॉप्टरों ने मोर्चा संभाला.
  • कोस्ट गार्ड चेतक हेलिकॉप्टरों से ऑपरेशन कर रही है.

ALH HELICOPTER : 5 जनवरी को पोरबंदर में कोस्ट गार्ड के ALH क्रैश के बाद से ही सभी फ्लीट ग्राउंडेड है. कोस्ट गार्ड ने हेलिकॉप्टर हादसे पर बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया गया था. लेकिन अभी तक यह पूरी नहीं हो सकी है.HAL ने हेलिकॉप्टर क्रैश की प्रारंभिक जांच में स्वॉश प्लेट में क्रैक को कारण बताया था. HAL के CMD डी के सुनील ने कहा था कि डिफेक्ट इंवेस्टिगेशन टीम की जांच रिपोर्ट के बाद ही कुछ साफ हो सकेगा. इस रिपोर्ट को 3 हफ्ते में आने की बात कही थी. तीन हफ्ते पूरे हो चुके हैं लेकिन अभी तक HAL की तरफ से इस पर कोई जानकारी साझा नहीं की है. इस रिपोर्ट के आने के बाद ही यह तय होगा कि हेलिकॉप्टर को क्लीयरेंस दिया जाए या नहीं. फिलहाल HAL की तरफ से ग्रीन सिंगनल नहीं है.

पुराने चेतक हेलिकॉप्टर इस्तेमाल में लाया जा रहा है
साल 2025 की शुरुआत कोस्ट गार्ड के लिए अच्छी नहीं रही. कोस्ट गार्ड हेलिकॉप्टर का स्वदेशी एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) क्रैश के बाद से सभी 300 से ज्यादा ALH के उड़ान पर पाबंदी लगा दी गई. यह पाबंदी अब भी जारी है. कोस्ट गार्ड इस वक्त अपने बेड़े के चेतक हेलिकॉप्ट के जरिए जरूरी ऑपरेशन को अंजाम दे रही है. कोस्टगार्ड के सूत्रों के मुताबिक चेतक और ALH हेलिकॉप्टर में काफी अंतर है. चेतक के जरिए समंदर में सिर्फ विजुअल रेंज वाले ऑपरेशन को ही अंजाम दिया जा रहा है. सिंगल इंजन और रडार ना होने के चलते चेतक हेलिकॉप्टरों को समंदर में 10-12 किलोमीटर से ज्यादा नहीं जाने दिया जाता. ALH में लोड कैपेसिटी और आधुनिक तकनीक चेतक हेलिकॉप्टर से ज्यादा है. जरूरत पड़ने पर नौसेना के हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाएगा. कोस्ट गार्ड के पास 19 चेतक हेलिकॉप्टर मौजूद है. कोस्टगर्ड को पास 18 ALH ध्रुव है. कोस्ट गार्ड के लिए 6 ALH की खरीद को मंजूरी दी गई है.

90 दिन से नहीं उड़ा ALH
तकनीकी खराबी के चलते जब भी कोई हादसा होता है तो पूरे हेलिकॉप्टर फ्लीट को ग्राउंड कर दिया जाता है. सघन जांच के बाद ही उड़ाने की मंजूरी दी जाती है. ALH के अलग अलग वर्जन भारतीय सेना में शामिल है जिसमें ALH MK.1, MK2, MK3 और Mk4 वेपेनाइजड वर्जन रुद्र शामिल है. 300 से ज्यादा हेलिकॉप्टर भारतीय सेना के तीनों अंग यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के अलावा कोस्टगार्ड भी इस्तेमाल कर रही है. इनकी गैर मौजूदगी में चीता और चेतक हेलिकॉप्टरों ने मोर्चा संभाल रखा है. हाल ही में माणा में हुए हिम्सखलन में भा चीता हेलिकॉप्टरों ने शानदार काम किया. अगर हम नंबरों की बात करें तो भारतीय थल सेना सबसे ज़्यादा 145 ALH को ऑपरेट करती है. इनमें 75 इसके वेपेनाइजड वर्जन ALH MK 4 रुद्र है. थलसेना ने 25 अतिरिक्त ALH मार्क 3 का ऑर्डर HAL को दिया है, भारतीय वायुसेना के पास 70 के करीब ध्रुव हैं तो नौसेना के पास 18 ALH मौजूद है.

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ALH नदारद.. चीता-चेतक ने संभाला मोर्चा, नहीं होने दिया ऑपरेशन बाधित


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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