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The judge said – Divisional Commissioner should sit with both the communities and take appropriate decision with mutual consent. | सम्राट मिहिर भोज विवाद: जज बोले-संभागायुक्त दोनों समाज को बैठाकर आपसी सहमति से उचित निर्णय ले – Gwalior News

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ग्वालियर7 मिनट पहले

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सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा विवाद के बाद से कोर्ट के आदेश पर टीनशेड में कैद है।

इतिहास के प्रतापी सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा विवाद में सोमवार को ग्वालियर हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा है कि सम्भाग आयुक्त दोनों समाज के प्रतिनीधियों को एक साथ बैठाएं। आपसी सहमति से समाधान निकाले वरना न्यायालय अपना फैसला सुनाएगा। न्यायलय के निर्देश पर जुलाई के पहले सप्ताह में मामले की अगली सुनवाई होगी।
ग्वालियर में पिछले दो साल से सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा को लेकर से विवाद चल रहा है। क्षत्रिय समाज और गुर्जर समाज के बीच चल रहै विवाद के चलते 2 साल से सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा टीन शेड में कैद है। 25 सिंतबर 2023 को इसी मुद्दे पर गुर्जर समाज ने ग्वालियर-चंबल संभाग में जमकर बबाल मचाया था। दरअसल बीती सुनवाई के दौरान न्यायालय ने खास टिप्पणी करते हुए कहा था कि राजा की कोई जाति नहीं होती है। दोनों समाज को मिलकर इस मामले के विवाद के समाधान के लिए आगे आना चाहिए।
ऐसे समझिए पूरा मामला
आपको बता दें कि सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा चिरवाई नाका पर स्थापित की गई थी। प्रतिमा के नीचे पहले गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की पट्टिका लगी थी। इस पर क्षत्रिय समाज को आपत्ति थी। क्षत्रिय समाज का कहना है कि सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार वंश के क्षत्रिय थे, जबकि गुर्जर यह मानने के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है देश के कई हिस्सों में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा लगी है, जिस पर गुर्जर शब्द पहले से लिखा है। ऐसे में ग्वालियर के चिरवाई नाका पर लगाई गई प्रतिमा के नीचे गुर्जर सम्राट मिहिर भोज का लिखा जाना कोई नई बात नहीं है। तभी से क्षत्रिय समाज और गुर्जर समाज के बीच तनाव उत्पन्न हो गया था। इस बीच हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी कर प्रतिमा के नीचे लिखे गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की पट्टिका को ढकवा दिया था। वह अभी भी पुलिस के पहरे में है। दो समाजों के बीच उपजे तनाव को देखते हुए एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है, जिस पर सुनवाई जारी है।
कोर्ट में क्या हुआ जानिए
अधिवक्ता एमपी सिंह का कहना है कि सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा के मामले में न्यायालय ने संभागीय आयुक्त को निर्देशित किया है कि आप दोनों पक्षों को साथ बिठाए और बातचीत करें, अगर कोई रास्ता है तो निकले यदि रास्ता उचित नहीं निकलता है तो न्यायालय जो उचित कार्रवाई होगी वह अगली सुनवाई में करेगी। यह मामला सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का है जिसमें गुर्जर और क्षत्रिय समाज के लोग शामिल हैं, क्षत्रिय समाज सम्राट की प्रतिमा को अपने बता रहे हैं और गुर्जर समाज अपने समाज का बता रहे हैं।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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