अजब गजब

यूट्यूब से सीखा काम, अब इस शख्स ने लगा दी 2 मिनी फैक्ट्री, रोजाना इतनी हो रही है कमाई

नीरज कुमार/बेगूसराय. अगरबत्ती के उपयोग से आप सभी वाकिफ होंगे. पूजा-पाठ के अलावा अगरबत्ती घरेलू वातावरण को पवित्र रखने के लिए उपयाेग की जाती है. कई लोग तो इसे रूम फ्रेशनर की तरह उपयोग करते हैं. बाजार में अब आपको एक से बढ़कर एक फ्लेवर वाली अगरबत्ती मिल जाएगी. यदि कोई व्यक्ति घरेलू उद्योग में शुमार अगरबत्ती बनाने का काम शुरू करना चाहता है तो बेहद कम लागत में शुरू कर सकता है. 

अगरबत्ती को मशीन के अलावा हाथ से भी बना सकते हैं. हालांकि, हाथ से बनाने में लोगों को ज्यादा मेहनत पड़ेगी, साथ ही इसमें समय भी बहुत अधिक लग जाता है. इसी उत्पाद से जुड़ी कहानी है बेगूसराय जिला के बरौनी प्रखंड अंतर्गत लागौली गांव के रहने वाले रामचंद्र कुशवाहा के पुत्र अमरेंद्र कुशवाहा की. जिन्होंने मार्केट में अगरबत्ती की डिमांड को देखते हुए ना सिर्फ इस धंधे को अपनाया बल्कि अपनी मेहनत के बल पर अगरबत्ती निर्माण की दो मिनी फैक्ट्री लगाकर अच्छी कमाई भी कर रहे हैं.

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यूट्यूब पर देखी अगरबत्ती बनाने की प्रक्रिया
अमरेंद्र कुशवाहा ने बताया कि अगरबत्ती उद्योग लगाने का ख्याल मन में आने के बाद यूट्यूब पर बनाने का तरीका सीखा. इसके बाद अगरबत्ती बनाने के लिए 50 हजार में मशीन खरीद कर लाया. अब पिछले एक साल से अगरबत्ती का निर्माण कर रहे हैं. अगरबत्ती निर्माण का रॉ-मटेरियल यानी चंदन का पाउडर, लैवेंडर ऑयल, डिस्टिल्ड वाटर और बम्बू स्टिक पटना सिटी के बाजार से लाते हैं. रोजाना 40 किलो से ज्यादा के रॉ-मटेरियल की अगरबत्ती बना लेते हैं. मिश्रण को लेकर स्टिक के ऊपर अच्छे से रोल करने के बाद एल्युमिनियम फॉइल के ऊपर रखकर अगरबत्ती को लगभग 2 घंटे के लिए धूप में सुखाया जाता है. इसके बाद कहीं जाकर अगरबत्ती बनकर तैयार होती है. उन्होंने बताया कि पूरे काम में चार लोगों को रोजगार भी दिया है.

रोजाना तीन हजार तक की हो जाती है कमाई
अमरेंद्र कुमार ने बताया कि 40 किलो तक अगरबत्ती का मसाला तैयार कर रोजाना चार साथियों के साथ मिलकर अगरबत्ती निर्माण करते हैं. 40 किलो रॉ मटेरियल से अगरबत्ती निर्माण की पूरी प्रक्रिया में रोजाना 9 से 10 हजार तक का खर्च आता है. वहीं, बाजार में 12 से 13 हजार में बिक जाती है. उन्होंने बताया कि वंदना गृह उद्योग के नाम से कंपनी को रजिस्टर कराई है. रामायण जैसे ब्रांड की अगरबत्ती तैयार कर रहे हैं. इसके अलावा अगरबत्ती पैकिंग करने वाले दुकानदारों को किलो के हिसाब से अगरबत्ती उपलब्ध करा देते हैं. फिलहाल दो मिनी फैक्ट्री का संचालन कर रहे हैं और रोजाना दो से तीन हजार की कमाई हो जा रही है.

Tags: Begusarai news, Bihar News, Local18, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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