केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना, 57 कैंट बोर्ड में होने थे चुनाव, चुनाव रद्द होने पर कांग्रेस ने बांटी मिठाइयां | Central Government issued notification, elections were to be held in 57 Cantt Board, Congress distributed sweets after the elections were canceled

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जबलपुर21 मिनट पहले
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देश भर की 62 में से 57 छावनी परिषदों में होने वाले चुनाव को केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया है। केंद्र सरकार ने कैंट बोर्ड के चुनाव रद्द करने की अधिसूचना भी जारी कर दी है। चुनाव रद्द होने के बाद आज कांग्रेस ने जबलपुर के भारत माता चौक में मिठाई बांटी और इसे अपनी जीत बताई। बता दे कि देश भर की 57 और मध्यप्रदेश की पांच में से चार कैंट बोर्ड में 30 अप्रैल को चुनाव होना था।

जबलपुर कैंट बोर्ड में आखिरी बार 2015 में चुनाव हुए थे, इसके बाद 2020 में होने थे पर कोरोना संक्रमण के कारण चुनाव टलते रहें। अब जबकि 30 अप्रैल को कैंट बोर्ड के चुनाव होने थे जिसे कि केंद्र सरकार ने रद्द किया तो कांग्रेस ने इसे अपनी और उन 25 हजार वोटरों की जीत बताई है जिनके नाम काटकर उन्हें कैंट बोर्ड से बेदखल करने की तैयारी की जा रहीं थी। चुनाव रद्द होने की अधिसूचना जारी होने पर कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष अभिषेक चौकसे ने बताया कि इस मसले पर कांग्रेस ने बीती 6 मार्च को जबलपुर कैंट बोर्ड दफ्तर का घेराव कर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा था।

आज जैसे ही केन्द्र सरकार ने कैंट बोर्ड चुनाव रद्द करने की अधिसूचना जारी की वैसे ही कांग्रेस ने जबलपुर में जश्न मनाना शुरू कर दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहर के भारत माता चौराहे पर मिठाईयां बाटीं और कहा कि सरकार चुनाव जब भी करवाए तब सभी पात्रों को वोटिंग का अधिकार ज़रुर दिया जाए। इधर देश भर में कैंट बोर्ड चुनाव रद्द होने की बड़ी वजह, कैंट बोर्ड की माली हालत ठीक नहीं होने, कैंट बोर्ड एक्ट में संशोधन और सिविल एरिया को नगर निगम में शामिल करने की योजना बताई जा रही है।
साल 2015 के बाद देश भर के 62 कैंट बोर्ड में से 57 कैंट बोर्ड में पार्षदों के चुनाव होने जा रहे थे जिसमें मध्यप्रदेश के 5 में से 4 कैंट बोर्ड में चुनाव होने थे। मध्यप्रदेश के जबलपुर, महू, सागर और मुरार कैण्ट बोर्ड में चुनावों के लिए 30 अप्रैल को वोटिंग होनी थी जिनमें जबलपुर कैण्ट बोर्ड के 8 वार्डों के पार्षदों के लिए वोटिंग की जानी थी। जबलपुर कैंट बोर्ड चुनाव के लिए तैयार वोटर लिस्ट से 25 हजार नाम काट दिए गए थे जिसका कांग्रेस लगातार विरोध कर रही थी।
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